गोविंद साव : सावन का महीना भक्ति, उमंग और प्राकृतिक सौंदर्य से भरा होता है। यह महीना आमतौर पर जुलाई-अगस्त में आता है और इसे वर्षा ऋतु का प्रमुख समय माना जाता है। इस समय की विशेषता है हरियाली, ठंडी हवा और चारों ओर फैली हरियाली की चादर, जो मन को प्रसन्नता से भर देती है।
सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने में शिवभक्त पूरे मनोयोग से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व होता है और भक्त जन बड़ी श्रद्धा से यह कार्य करते हैं। हर सोमवार को विशेष रूप से शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है और भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।
सावन में मनाए जाने वाले त्योहारों में तीज और रक्षा बंधन प्रमुख हैं। तीज का त्योहार विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करती हैं, ताकि उनका वैवाहिक जीवन सुखमय और समृद्ध बने। रक्षा बंधन भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।
सावन के महीने में कावड़ यात्रा का भी विशेष महत्व है। इसमें श्रद्धालु गंगाजल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। यह यात्रा बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ की जाती है। इसके अलावा, इस महीने में कई जगहों पर मेलों का आयोजन भी होता है, जहां लोग विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लेते हैं।
सावन का महीना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति हमारे प्रेम और सम्मान को भी दर्शाता है। इस महीने में हरियाली अपने चरम पर होती है और हमें प्रकृति की सुंदरता और उसकी शक्ति का अनुभव होता है। कुल मिलाकर, सावन का महीना उत्सव, भक्ति और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, जो हमारे जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार करता है।