गोपी साहू : दृढ़ निश्चय कड़ी मेहनत और पक्का इरादा यदि हो जाये तो हरेक कार्य संभव हो जाते है।ढ़ेरो वैकेंसी समय समय पर निकलते रहती है।सुनियोजित तैयारी से सभी कंपिटेशन एग्जाम को आसानी से क्लियर किया जा सकता है।आइए हम आज बात करते है इन्ही में से कुछ बिंदुओं पर…..
सरकारी नौकरी पाने के लिए टाइमटेबल का होना बहुत आवश्यक है. क्योंकि टाइमटेबल होगा तो आप तैयारी को ठीक तरह से कर पाएंगे. टाइमटेबल जोश में नहीं होश में बनाए.टाइमटेबल बनाते समय अपने एक दिन के रूटीन का ठीक तरह से एनालिसिस कीजिये.अपने रूटीन को समझते हुए टाइमटेबल को बनाए. टाइमटेबल ऐसा बनना चाहिये, जिसमें आप पढाई के साथ आपकी रोज की एक्टिवटि को भी समय दे सके.अगर आप सुबह उठने में दिक्कत महसूस करते है और रात को कंफर्ट महसूस करते है, तो आप टाइमटेबल अपने अनुसार बनाए. किसी की देखा देखी नहीं करे. बेहतर हो कि तैयारी के दौरान आप सुबह थोड़ा जल्दी उठ जाये. इससे आपके पास तैयारी के लिए अधिक समय होगा. जो विषय आपको थोड़ा कठिन लगता हो और आप उसमें कमजोर हो, उसे अधिक समय दे. लेकिन ऐसा नहीं करे कि सरल सब्जेक्ट को समय हीं न दे. टाइमटेबल बनाते समय नींद का भी समय निर्धारित करे, भरपूर नींद ले और स्वयं को फिट रखे…
जिस भी एग्जाम/परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, सबसे पहले अपने सिलेबस को ठीक तरह से देख लें. सिलेबस में किस विषय पर अधिक जोर दिया जा रहा है, या किस सब्जेक्ट से ज्यादा प्रश्न पूछे जा रहे हैं, उसको एक पेज पर लिखकर रख लें. अब अपनी पूरी तैयारी सिलेबस के अनुसार ही करे.सिलेबस के अलावा कुछ समसामयिक विषयों पर भी नजर बनाए रखे, जो भले ही सिलेबस में नहीं हो, लेकिन प्रश्नपत्र भी पूछे जा सकते है, उनकी तैयारी भी कर लें.नोटस अवश्य बनाए, नोटर्स से पढ़कर तैयारी करना आसान हो जाता है…
प्रतियोगी परीक्षा पास करने के लिए युवाओं की सभी विषय पर पकड़ होनी बहुत जरूरी है. यदि व्यक्ति कोई एक विषय में कमजोर होता है, तो उसे प्रतियोगी पास करने में बहुत मुश्किल हो सकती है. उस विषय पर ज्यादा ध्यान देना चाहिये, जिसमें वह कमजोर है.तैयारी के दौरान अपनी कमजोर और मजबूत पक्ष को एक पेपर पर लिख लें, इसके बाद कमजोर विषयों पर थोड़ा अधिक समय देते हुए मजबूत पक्ष भी रिवाइज करते रहे. कोई विषय या टॉपिक समझ नहीं आ रहा है, तो आप अपने टीचर या विषय विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं.
जिस भी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उस परीक्षा के पूराने प्रश्नपत्रों का ध्यानपूवर्क अध्ययन करे. अगर आप पूराने क्वैश्चन पेपर्स का ठीक तरह से अध्ययन करते हैं, तो आपको परीक्षा के बारे में एक ओवर व्यू मिल सकता है. साथ ही मोटा मोटा यह अंदाजा भी हो जायेगा कि परीक्षा में किस टॉपिक या सब्जेक्ट पर ज्यादा फोकस रहता है, कुछ छात्र पूराने पेपर्स को इस तरह समझ लेते है कि उन्हें आगामी परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों का पूर्वानुमान हो जाता है. इस तरह वह अपनी तैयारी करते है, और प्रश्नपत्र को अन्य छात्रों की तुलना में अच्छे तरीके से हल करते है. इस वजह से उनका परीक्षा परिणाम भी दूसरे छात्रों से बेहतर आता है.इस प्रकार जिस भी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं, उसके पुराने क्वैश्चन पेपर की अच्छी तरह से प्रेक्टिस करे. प्रेक्टिस से आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा व परिणाम अच्छा आयेगा.
इंटरनेट का फायदा पढ़ाई करने में किया जाना चाहिये. इंटरटेंनमेंट के लिए वीडियो देखकर समय पास करने के बजाय कोर्स के संबंध में गुणवत्ता युक्त वीडियो देखना चाहिये. इंटरनेट से प्रेक्टिस के लिए कई सारे विकल्प, मॉडल पेपर डाउनलोड करना चाहिये. इंटरनेट से ऑनलाइन कोचिंग, प्रेक्टिस टेस्ट देने का प्रयास करना चाहिये. वर्तमान समय में तैयारी के लिए फ्री बुक्स भी इंटरनेट पर उपलब्ध है, इसका सहारा लिया जा सकता है.
समय समय पर मैगजीन, समाचार पत्रों में टॉपर्स के इंटरव्यू प्रकाशित होते है. यूटयूब पर भी टॉपर्स के इंटरव्यू मिल जायेंगे. इन इंटरव्यू को देखना चाहिये. इससे टॉपर्स की रणनीति के बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है. उनकी तैयारी के तरीके से बहुत कूछ सीखा जा सकता है.