जानवरों की रक्षा और उसके हित की बातें सभी करते हैं, लेकिन अपनी ओर से पहल करने वालों की संख्या बहुत कम है। सड़क पर पड़े जानवरों के साथ जितनी बेरहमी से सुलूक किया जाता है, उसे देखकर कह सकते हैं कि लोग इनके प्रति संवेदनशील नहीं हो सके हैं।जानवरों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होने देंगे, इसका हमें संकल्प लेना चाहिए और दूसरों के लिए उदाहरण बनना चाहिए।आज की कहानी भी ऐसी शख्सियत के इर्द गिर्द घूमती है जिसने अपने जीवन जानवरों को बचाने में लगा दी है।
“मोहम्मद सूमा तेलंगाना के मेहबूबाबाद में रहती हैं और बीते 10 सालों से मुश्किलों में घिरे जानवरों की मदद करना ही उनका मिशन है। शनिवार को उन्होंने 40 फीट गहरे कुएं में गिरे लोमड़ी के एक बच्चे को सुरक्षित निकाला। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका। सूमा अब तक करीब 120 से ज्यादा जानवरों और पक्षियों की जान बचा चुकी हैं। इनमें गाय, कुत्ते, बिल्लियां और पक्षियों के अलावा तेंदुआ और अजगर भी शामिल हैं। सूमा ने ये काम 11 साल की उम्र से शुरू किया था। उसने अपने घर में बीमार जानवरों को रखने के लिए एक शेड भी बनाया हुआ है।
चाहे सुबह के 10 बजे हो या रात के, वह जानवरों को बचाने में अपनी जी-जान लगा देती हैं। सूमा ने बताया कि इस काम की प्रेरणा उन्हें अपने पेरेंट्स से मिली। वे पर्यावरण को बचाने की दिशा में हर समय प्रयासरत हैं। सूमा कहती हैं कि जब भी रात में मेरे पास किसी जानवर को बचाने के लिए फोन आता है तो मेरे पापा इस काम के लिए हमेशा मेरे साथ जाते हैं। कुछ साल पहले सूमा ने पायथोन पकड़ा था और इसे वन विभाग के हवाले कर दिया था। दो साल पहले उसने छ: उन बिल्लियों को अपने पास रखा था, जिनकी मां नहीं थी। उसने इन सभी को अपने घर के शेड में रखा और उनकी देखभाल की।”