12वीं बोर्ड के अलावा देश के लगभग सभी प्रमुख एग्जाम्स जैसे जेईई, नीट आदि के स्थगित होने की खबर कुछ हद तक स्टूडेंट्स के लिए राहत लेकर आई थी, लेकिन अब गुजरते समय के साथ स्टूडेंट्स के बीच एक अनिश्चितता पनपने लगी है। पिछले लंबे समय से एग्जाम की तैयारियों में जुटे स्टूडेंट्स के लिए अब यह इंतजार उनकी मानसिक सेहत को प्रभावित कर रहा है।
तनाव और डिप्रेशन दूर करेंगे थैरेपी
इसी के चलते अब वे अब काउंसलर्स, साइकोलॉजिस्ट्स और करियर गाइडेंस प्रोफेशनल्स की मदद ले रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि पहले के मुकाबले मौजूदा समय में ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या में 50% तक बढ़ोतरी हुई है। असल में एग्जाम्स और अच्छी ग्रेड्स का प्रेशर पहले भी स्टूडेंट्स के लिए तनाव और डिप्रेशन का कारण रहा है। ऐसे में मेडिकेशन के अलावा ऐसी कई थैरेपीज हैं जो आपकी मदद कर सकती हैं।
स्ट्रेस दूर कर मेमोरी में सुधार लाती है रेकी हीलिंग
अवसाद और एंग्जाइटी कम करने के अलावा रेकी मेमोरी और इंटेलिजेंस कोशंट में भी सुधार करती है। कई स्टडीज में सामने आया है कि रेकी हीलिंग आपके ब्रेन सेल्स को रिन्यू करके उन्हें ऊर्जा देती है जिससे मेमोरी में बड़ा सुधार आता है।
आत्मनिर्भर बनना सिखाती है एडवेंचर थैरेपी
एडवेंचर थैरेपी में स्टूडेंट्स को नई आउटडोर एक्टिविटीज में भाग लेने और नए माहौल में कई तरह के अनुभव करने का मौका मिलता है। इससे टीनेजर्स के अंदर एंग्जाइटी और डिप्रेशन तो कम हुआ ही, साथ ही आत्मनिर्भरता, इंटरपर्सनल स्किल्स और आइडेंडिटी डेवलपमेंट में भी सुधार हुआ।
सीबीटी से नेगेटिव विचारों को बदलें पॉजिटिव में
कॉग्निटिव बिहेवियर थैपेरी यानी सीबीटी एक टॉक थैरेपी है। इससे पहले स्टूडेंट्स के अंदर खुद को कमजोर मानने, बात-बात पर गुस्सा करने जैसी निगेटिव सोच को बेहतर सेल्फ इमेज, प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स, बेहतर सेल्फ कंट्रोल जैसी पॉजिटिव सोच में बदला जा सकता है।