यूथ पावर…एक छोटा सा घर…वो भी ऑटो रिक्शा के ऊपर…इसे पुराने चीज़ों को रीसायकल कर बनाया गया है,इसमें दो लोग आराम से रह सकते हैं

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एक छोटा सा घर… वो भी ऑटो रिक्शा के ऊपर। यकीन नहीं होता? तो कर लीजिए… क्योंकि इस ऑटो रिक्शा की 36 वर्ग फुट की जगह में न सिर्फ बेडरूम, लिविंग रूम, किचन, टॉयलेट, बाथटब और वर्कस्पेस है, बल्कि पानी के लिए 250 लीटर का वाटर टैंक, 600 वॉट का सोलर पैनल, बैटरियां, कपबोर्ड्स, बाहर की तरफ कपड़े सुखाने के लिए हैंगर, दरवाजे और सीढ़ियां भी हैं। इसका नाम है ‘सोलो 0.1’, जिसे चेन्नई के 23 वर्षीय अरुण प्रभु ने सिर्फ एक लाख रुपये में तैयार किया है।

23 साल के अरुण ने इस ऑटो रिक्शा कम घर का नाम ‘सोलो 0.1’ रखा है. अरुण ने इसे एक लाख रुपये लगाकर तैयार किया है.अरुण चेन्नई और मुंबई के झुग्गियों में रिसर्च कर रहे थे. इस दौरान उन्हें पता चला कि एक झोपड़ी बनाने का तकरीबन खर्चा चार से पांच लाख आता है, जिसमें भी टॉयलेट नहीं बन पाता है. बस इसके बाद उन्होंने इस घर को बनाने की ठान ली.

इसे पुराने चीज़ों को रीसायकल कर बनाया गया है, इसमें दो लोग आराम से रह सकते हैं. पांच महीने में बने इस घर की बनावट सबका दिल जीत रही है. अरुण इसे गरीब, मजदूर, बेघर और छोटे दुकानदारों के लिए उपलब्ध करवाना चाहते हैं. तमिलनाडु के रहने वाले अरुण ने बेंगलुरु की डिजाइन और आर्किटेक्ट कंपनी बिलबोर्ड के साथ मिल कर बनाया है.

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