राजनांदगांव:कोरोना महामारी के मद्देनजर राजनांदगांव में काफी राहत की पहल हुई है। यानी कोरोना संक्रमित का पता लगाने के लिए सैंपल रिपोर्ट के इंतजार की घड़ी अब समाप्त हो गई। दरअसल, शहर के पेंड्री स्थित कोविड-19 हॉस्पिटल परिसर में ही गुरुवार को रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) लैब खुला। यहां टेस्टिंग भी शुरू हो गई है। आज इसी लैब में सैंपल की जांच की गई।
बताते चलें कि इससे पहले कोरोना संक्रमित का पता लगाने के लिए सैंपल रिपोर्ट का तीन से चार दिन इंतजार करना पड़ता था पर अब यह समस्या दूर हो गई है। इस बारे में राजनांदगांव जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि लैब शुरू होने का सबसे पहला नतीजा यही है कि, सैंपल अब एम्स नहीं भेजेंगे। दिनभर में 350 से ज्यादा सैंपल की जांच कर रिपोर्ट दी जाएगी। इससे संक्रमितों की जल्द पहचान हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि चार माह से स्वास्थ्य विभाग की ओर से आरटीपीसीआर सैंपल लेने के बाद जांच के लिए एम्स भेजा जा रहा था। रोज ढाई से तीन सौ तक सैंपल भेजे जा रहे थे। सैंपल भेजने के बाद रिपोर्ट का तीन से चार दिन तक इंतजार करना पड़ता था।कई बार पांच से छह दिन भी लग जाते थे। इसी वजह से संक्रमित व्यक्ति होम आइसोलेट न रहते हुए सैंपल देने के बाद भी बाहर घूमता था। संक्रमण की आशंका रहती थी। इसलिए जिला स्तर पर आरटीपीसीआर सैंपल की जांच जरूरी थी।
सुविधाओं पर इतना जोर…
बॉयोसेफ्टी लेवल -2 रूम, टेम्प्लेट एण्ड एडिशन रूम, मास्टर मिक्स एण्ड पीसीआर रिएजेंट प्रिपरेशन रूम, पीसीआर रूम, पोस्ट पीसीआर रूम, कोल्ड रूम, रिकॉर्ड रूम, स्टॉफ रूम एवं स्टरलाइजेशन रूम तथा लॉबी कक्ष बनाया गया है। मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ.रेणुका गहिने ने बताया कि आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए इस लैब में एक वैज्ञानिक, एक माइक्रो बॉयोलॉजिस्ट 6 लैब टेक्नीशियन हैं। शुरुआत में आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए रोज 200 से 300 सैंपल का परीक्षण किया जाएगा एवं आने वाले समय में इसकी क्षमता प्रतिदिन 1000 से 1200 तक बढ़ाई जाएगी।
नई लैब में ऐसे काम करेगी एक्सपर्ट टीम…
माइक्रो बॉयोलॉजी विभाग के अंतर्गत आरटीपीसीआर टेस्ट करने वायरल रिसर्च एवं डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी का निर्माण किया गया है। यहां एक्सपर्ट लोगों की टीम लगाई गई है। नोडल ऑफिसर डॉ. विजय अंबादे एवं लेबोरेटरी इंचार्ज डॉ. सिद्धार्थ पिंपलकर हैं। वे लेबोरेटरी में सैंपल लेंगे। बीएसएल-2 रूम में सैंपल वेरिफिकेशन होगा। सैंपल एनालिसिस एवं आरएनए एक्सट्रेक्शन टीम आरएनए का एक्सट्रेक्शन का कार्य करेगी। निकाले हुए निष्कर्षित आरएनए का मास्टर मिक्स के साथ मिक्सिंग किया जाएगा एवं अंतिम चरण में आरटीपीसीआर मशीन के माध्यम से विश्लेषण टीम उसका परीक्षण करेगी और अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।