डॉ.राजाराम त्रिपाठी:कोरोना संकट को लेकर देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच देश की कृषि और कृषकों को काफी नुकसान हुआ है. हालांकि खेती-किसानी पहले से ही आईसीयू में थी. कोरोना संकट ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है. ‘अखिल भारतीय किसान महासंघ’ (आईफा) खेती व किसानों की समस्या को बराबर उठाता रहा है औऱ उसके समाधान के लिए सरकार को सुझाव भी देता रहा है. बीते महीने आईफा ने वर्तमान संकट से उत्पन्न समस्या और उसके समाधान को लेकर 25 सूत्री मार्गदर्शिका सह सुझावपत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा था.
केंद्र सरकार ने बीते दिनों जो आर्थिक पैकेज घोषित की, उसमें कई सुझावों को स्वीकार भी किया गया था. लेकिन इस पैकेज में किसानों के लिए जो कुछ घोषित किया गया, वह नाकाफी था, तथा किसानों के लिए बेहद जरूरी तात्कालिक राहत के नाम पर इसमें कुछ भी नहीं था.इसे लेकर आईफा की ओर से पुनः आवाज उठायी गई. इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा कोरोना के कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से एक अंतर मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है और इस समिति की अध्यक्षता माननीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जी कर रहे हैं.
राजनाथ सिंह जी के ओर से भारतीय कृषि और किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पुनः आईफा से इस संबंध में सुझाव मांगे गये हैं.मैं आईफा की ओर से सभी किसान साथियों, किसान संगठनों से आग्रह करता हूं कि आप कृपया, देश की खेती तथा किसानों की बेहतरी से संबंधित अपने सुझावों के साथ ही, कोरोला संकट काल में किसानों की बेहतरी के नाम पर नीचे दिए गए, ताबड़तोड़ पास किए गए बिल तथा सुधार :-
1-मंडी अधिनियम संशोधन,
2-आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन ,
3-खेती की रासायनिक दवाइयों पर नवीनतम प्रतिबंध अधिनियम,
4- भारतीय बीज अधिनियम,
5-विद्युत सुधार अधिनियम 2020,
अध्ययन कर कृषक हित में अधिनियमो में आवश्यक सुधारों को भी देश की खेती तथा किसानों की बेहतरी से संबंधित अपने सुझावों में आवश्यक रूप से शामिल करते हुए, अब अंतिम रूप से 4 जून तक विंदुवार ढंग से लिखित रूप में आईफा को भेजने का कष्ट करें. कोरोना काल की कठिनाइयों के कारण तत्काल किसी प्रकार का बैठक करना संभव नहीं है, इसलिए आप अपने सुझाव व्हाट्एप, फोन, मैसेज, फेसबुक मैसेंजर आदि के जरिये भेजें. आईफा आप सभी के सुझावों को समायोजित कर एक विस्तृत सुझाव पत्र इस समिति को सौंपेगी ताकि कृषि-किसानों को शीघ्र अतिशीघ्र उचित राहत मिल सके.