विशेष….हंसी के बेताज बादशाह चार्ली चैपलिन जिन्होंने बिना एक शब्द बोले पुरी दुनिया को हंसाया।ब्लैक एंड वाइट दुनिया में उन्होंने अपनी एक्टिंग में कॉमेडी के रंग बिखेरे थे…चार्ली चैपलिन की जयंती के मौके पर जानिए उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें …

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कमलेश यादव:-अक्सर लोग रुलाना जानते है पर सदियो शताब्दियों में ही कोई ऐसा शख्स आता है जो अपने अभिनय के दम पर पूरी दुनिया को केवल हँसाना सिखाता है।आज हम बात करेंगे अभिनय की दुनिया के ऐसे कलाकार के बारे में जिसने बगैर शब्दो के भी जिंदगी को सही मायने में खुशी का अर्थ दिया।हंसी के बेताज बादशाह चार्ली चैपलिन जिन्होंने बिना एक शब्द बोले पुरी दुनिया को हंसाया।ब्लैक एंड वाइट दुनिया में उन्होंने अपनी एक्टिंग में कॉमेडी के रंग बिखेरे थे।

एक मासूम सी दुनिया का ख्वाब देखने वाली नीली, उदास और निश्छल आंखों वाले चार्ली चैपलिन की आज जयंती है। वे पहले एक्टर थे जिन्हें टाइम पत्रिका ने अपने कवर पर जगह दी थी। चार्ली की फिल्मों के कम्युनिस्ट विचारों के चलते अमेरिका ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन बावजूद इसके उन्हें 1973 में ऑस्कर अवॉर्ड मिला था।

फिल्मों की दुनिया में चार्ली चैपलिन एक अमर नाम हैं। चार्ली का जन्म 16 अप्रैल, 1889 को लंदन में हुआ था। चार्ली चैपलिन का निधन 88 साल की उम्र में 1977 में क्रिसमस के दिन हुआ था। चैपलिन के दफन होने के तीन महीने बाद उनकी कब्र से शव चोरी हो गया था। चोरों ने ऐसा उनके परिवार वालों से पैसा वसूलने के लिए किया था।

चार्ली चैपलिन ने हिटलर पर ‘द ग्रेट डिक्टेटर‘ फिल्म बनाई थी। इसमें उन्होंने हिटलर की नकल करते हुए उनका मजाक बनाया था। चार्ली चैपलिन को 1973 में ‘लाइम-लाइट’ में बेस्ट म्युजिक के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिला था। यह फिल्म 21 साल पहले बनी थी, लेकिन इसका प्रदर्शन लॉस एंजेलिस में 1973 से पहले नहीं हुआ था। यहां प्रदर्शन के बाद इस फिल्म का नामांकन ऑस्कर के लिए हो पाया था।

1975 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने चार्ली चैपलिन को नाइट की उपाधि दी। चार्ली चैपलिन का बचपन काफी मुश्किलों और गरीबी से भरा हुआ था। बेपरवाह और शराबी पिता के कारण इनका परिवार बुरी तरह से तबाह हो गया था। चैपलिन की गरीब मां पागलपन की शिकार हो गई थीं। इसका नतीजा यह हुआ कि चैपलिन को सात साल की उम्र में एक आश्रम में जाना पड़ा था।

स्कूल से पढ़ाई छूटने के बाद चैपलिन 13 साल की उम्र में मनोरंजन की दुनिया में आए। डांस के साथ चैपलिन ने स्टेज प्ले में भी हिस्सा लेना शुरू किया। इसके ठीक बाद चैपलिन को अमरीकी फिल्म स्टूडियो के लिए चुना गया। यहां से चैपलिन दुनिया भर में मूक फिल्मों के बादशाह के रूप में उभरे। चार्ली के सिनेमा को योगदान के चलते ऑस्कर समारोह में मौजूद जनता ने उनके लिए 12 मिनटों तक खड़े होकर तालियां बजाई थी। ये ऑस्कर के इतिहास में सबसे बड़ा स्टैडिंग ओवेशन माना जाता है।

महान वैज्ञानिक अलबर्ट आइंस्टीन अपने जीवन में एक बार चार्ली चैपलिन से मिलना चाहते थे। जब चार्ली चैपलिन को ये बात पता चली तो उन्होंने आइंस्टीन और उनकी पत्नी को डिनर के लिए इंवाइट किया था और दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी। विटेंज न्यूज में ये खबर प्रकाशित की गई थी।

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