एक दिन की कलेक्टर बनीं एम.श्रावणी, कलेक्टर की कुर्सी पर बैठकर निपटाया कामकाज

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आंध्रप्रदेश के अनंतपुर में एम. श्रावणी को एक दिन की कलेक्टर बनने का मौक़ा मिला। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रा, 16 साल की श्रावणी ने इस दौरान दो महत्वपूर्ण फाइलों पर हस्ताक्षर किए और शहर का दौरा किया। श्रावणी के पिता किसान हैं और मां मज़दूरी करती हैं। उसे कलेक्टर बनने का अवसर 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस को एक विशेष योजना के तहत मिला।

ज़िला प्रशासन ने तय किया था कि उस दिन सारे सरकारी विभागों की कमान बालिकाएं ही संभालेंगी। लॉटरी पद्धति से चयनित होने के बाद श्रावणी ने बाक़ायदा कलेक्टर की कुर्सी पर बैठकर कामकाज निपटाया। उसने शोषण की शिकार एक महिला के लिए मुआवज़े के तौर पर 25 हज़ार रुपए स्वीकृत किए।

उसने बतौर कलेक्टर यह आदेश जारी किया कि महिलाओं पर कई तरह की ज़िम्मेदारियां होती हैं, इसलिए पूरे ज़िले में किसी भी सरकारी विभाग में महिलाओं को रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक किसी आधिकारिक कार्य के लिए नहीं कहा जाएगा। उसने इलाक़े का दौरा करके अधिकारियों को निर्देश दिए और सरकारी कन्या हाई स्कूल का निरीक्षण भी किया।

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