सीखने की कोई उम्र नहीं होती…बेटे के साथ मां-बाप ने भी पास की 12वीं

1147

कहते हैं सीखने की कोई उम्र नहीं होती, यही साबित भी किया केरल के एक कपल ने, जिन्होंने अपने बेटे के साथ 12 का एग्ज़ाम क्लियर किया. केरल के मलाप्पुरम के मुस्तफ़ा और नुसाईबा ने अपने ज़रिये मिसाल पेश की. मुस्तफ़ा और नुसाईबा ने जो किया, उसके लिए हिम्मत और लगन दोनों ही चाहिए.

इस तरह की सिचुएशन में लोग हार मान लेते हैं लेकिन इन दोनों ने अपनी लगन के बलबूते जीत हासिल की. मुस्तफ़ा 43 साल के बिज़नेसमैन हैं और 10वीं पास करने के बाद वो काम करने खाड़ी देश चले गए. वहां वो जानवरों के अस्पताल में काम करते थे, दोनों की शादी भी उधर ही हुई और नुसाईबा के 12वीं करने से पहले ही वो वापस केरल आ गए.

उन्हें बाद में केरल साक्षरता मिशन के तहत ऑनलाइन क्लासेस के बारे में पता चला. दोनों ने फ़ैसला किया कि वो काम के साथ-साथ क्लास लेंगे. दोनों ने पेपर दिए, जिसमें नुसाईबा के 80 प्रतिशत और मुस्तफ़ा भी फर्स्ट डिवीज़न से पास हुए हैं.

इधर मार्च में माता-पिता ने 12वीं की, वहीं कुछ महीनों में बेटे ने भी 12वीं क्लियर कर ली. “हमारा बेटा इस फ़ैसले से बेहद ख़ुश था. वो हमें पढ़ाता भी था, हमारे लिए किताबें भी लेकर आता था. वो ख़ुद छात्र रहा है और 10वीं से अभी तक हर सब्जेक्ट में A+ लेकर आया है. हम दोनों ही बिज़नेस संभालते हैं और पढ़ाई के लिए इतना ही वक़्त निकाल पाए. हमारे बेटे ने इसमें बहुत मदद की.”

दूसरी अच्छी ख़बर ये है कि मुस्तफ़ा और नुसाईबा दोनों ने ही ग्रेजुएशन/ बी.कॉम करने का फ़ैसला भी किया है. तीनों मां-बाप ने कॉमर्स से 12वीं की.

Live Cricket Live Share Market