ऐतिहासिक माता देवालय दर्शन यात्रा… आस्था और विश्वास का प्रतीक यह यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित कर रही है

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कमलेश यादव: धार्मिक मान्यताओं और आस्था की जड़ें सदियों पुरानी हैं। लोग पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ कर अपनी चीजों को भूलते जा रहे हैं। उन्हीं बातों को पुनः याद दिलाने के लिए “माता देवालय दर्शन यात्रा” आस्था और विश्वास का प्रतीक बन रही है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव से शुरू हुई माता देवालय दर्शन यात्रा से पूरे क्षेत्र में भक्ति और उत्साह का माहौल बना हुआ है। इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत गांव के प्राचीन देवी-देवताओं को याद करते हुए की गई, जो डोंगरगांव विधानसभा के पूरे गांव में भक्ति की ज्योति जलाकर सभी को धार्मिक मूल्यों के प्रति जागरूक कर रही है।

गौरतलब है कि इस पूरे आयोजन के पीछे स्थानीय विधायक दलेश्वर साहू और उनकी टीम की दिन-रात की मेहनत है, जिसके कारण हर कोई अपनी जड़ों से जुड़ रहा है। जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ रही है, गांव-गांव में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। इस यात्रा में शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं और गांव के कोने-कोने में भक्ति की गूंज सुनाई दे रही है। विधायक दलेश्वर साहू जी की इस पहल का उद्देश्य न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ावा देना है बल्कि समाज में आपसी भाईचारे और एकता की भावना को मजबूत करना भी है।

मांदर ढोल की मधुर ध्वनि ने भक्तिमय माहौल बना दिया है। लोग इस यात्रा के स्वागत के लिए अपने घरों के दरवाजे पर खड़े हैं। इस यात्रा ने न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत किया है बल्कि गांवों के बीच संवाद और संबंधों को भी गहरा किया है। भजनों की मधुर ध्वनि ने पूरे रास्तों को ही आनंदमय बना दिया है। माता देवालय दर्शन यात्रा ने डोंगरगांव से लेकर गांव-गांव में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्जीवित किया है। श्रद्धालुओं के उत्साह और यात्रा की भक्ति भावना ने इसे ऐतिहासिक आयोजन बना दिया है।

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