विफलता या फिर सफलता दोनों हमारे दिमाग में होती हैं, अगर हम ठान लें तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं…स्मृति अग्रवाल की प्रेरणादायी कहानी…वाणिज्य विषय से लोक सेवा आयोग की सहायक प्राध्यापक की परीक्षा उत्तीर्ण की हैं

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कमलेश यादव:”दृढ़ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति हो तो कोई भी बाधा आपको आगे बढ़ने से रोक नहीं सकती है। ऐसे कई उदाहरण दुनिया में मौजूद हैं, जिन्होंने अपना ऊंचा मुकाम खुद अपनी मेहनत के बल पर हासिल किया है।आज हम बात करेंगे छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर में रहने वाली स्मृति अग्रवाल के बारे में जिन्होंने वाणिज्य विषय से लोक सेवा आयोग की सहायक प्राध्यापक की परीक्षा उत्तीर्ण की हैं।स्मृति अग्रवाल ने कहा कि इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए सबसे जरूरी धैर्य और निरंतरता है। अपने मन को ऐसे तैयार करें कि जिस दिन पढ़ने की इच्छा न हो उसी दिन अच्छे से पढ़कर दिखाएं और देखें कि कैसे आपके अंदर नया साहस पैदा होता है।जिन लोगों से आपको प्रेरणा और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है उनके संपर्क में रहें। नकारात्मक विचारों वाले लोगों से दूरी बनाना ही ठीक रहता है। विफलता या फिर सफलता दोनों हमारे दिमाग में होती हैं, अगर हम ठान लें तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं।आइये पढ़े सत्यदर्शन लाइव से बातचीत के कुछ अंश

सहायक प्राध्यापक बनने की प्रेरणा कहा से मिली:
दुर्गा महाविद्यालय में ऍम.काम की पढाई के दौरान जब गुरुओ का मार्गदर्शन मिला,निजी महाविद्यालयो में कार्य के दौरान जब विभिन्न शिक्षाविदो से मिली तो इस क्षेत्र में रूचि जागृत हुई और आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली .

क्या-क्या कठिनाई आई : –
वर्ष 2017 से मैं NET और SET की तैयारी कर रही थी पर सफल नहीं हो पाई , और उस असफलता से सीख ली मैंने फिर से कोशिश की और जनवरी 2018 में मैंने KEY TO SUCCESS JOIN किया और 2018 में नेट और सितम्बर 2019 में सेट की परीक्षा उतीर्ण की . और यही बस सीखी की एक गुरु मार्गदर्शक तो होता हैं पर उसे भी मार्गदर्शन की जरूरत पड़ती हैं और एक अच्छा गुरु वही हैं जो समय समय पर अपने ज्ञान और अनुभव में संसोधन करता जाए .

सफलता के लिए कैसे योजना बनाई:
जुलाई 2018 में NET की परीक्षा उत्तीर्ण करते ही जनवरी 2019 में लोक सेवा आयोग द्वारा सहायक प्राध्यापक की अधिसूचना आ गई और इसके साथ ही KEY TO SUCCESS JOIN किया और तैयारी में भिड़ गई , जिसमे शुरू से सिर्फ 1 ही लक्ष्य रहा 184 पदों में केवल एक पद चाहिए और उसी रणनीति के साथ निजी महाविद्यालय में पढ़ते – पढ़ते तैयारी जारी रखी . और इस तैयारी में निः संदेह KEY TO SUCCESS से होरीलाल सर का बहुत योगदान रहा .

संस्थान का योगदान:
सर्वप्रथम मेरे माता पिता जिन्होंने मुझे पढाया लिखाया और इस काबिल बनाया मैं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो सकू,परन्तु इस सफलता का सबसे बड़ा श्रेय मेरा पति श्री देबोजीत दास एवं परिवर को जाता हैं उन्होंने मेरी तैयारी में हर कदम में मेरे साथ दिया और निरंतर मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहे.मेरे शिक्षकों,सहकर्मियों और दोस्तों का मुझ पर भरोसा मुझे निरन्तर मेहनत करने के लिए प्रेरित करता था .

विशेष मार्गदर्शन एवं योगदान : –
H.L.YADAV सर का मार्गदर्शन और KTS JOIN करना मेरी सफलता की असली कुंजी हैं.एकेडेमी JOIN करके मैंने जाना की आपके आस पास कितनी प्रतियोगिता हैं और आपको अपनी रणनीति कैसे रखनी हैं . मार्गदर्शन के साथ – साथ KTS के TEST SERIES ने भी विषय के नजरिये को समझने में बहुत मदद की . निः संदेह KEY TO SUCCESS ने मेरे लिए अपने नाम को चरितार्थ किया और इसके लिए मै सदैव यादव सर की आभारी रहूंगी

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