कमलेश यादव:कहते हैं कि दृढ़ संकल्पित होकर अगर कोई व्यक्ति कठिन-से-कठिन असंभव सा दिखने वाले लक्ष्य का भी पीछाकरे तो सफलता एक-न-एक दिन अवश्य ही मिलेगी। जहाँ राह में आने वाली कठिनाईयों का सामना करते हुए कई बार हममें से ज्यादातर लोग टूट जाते हैं और अपने सपनों का त्याग कर देते। वहीं, कुछ लोग कठिनाईयों को चुनौती देकर सफलता की शानदार कहानी लिखते है।हमारी आज की कहानी भी एक ऐसे ही शख्स के इर्द-गिर्द घूम रही है, जिन्होंने बचपन से ही चुनौतियों का सामना किया और हार ना मानते हुए अपने-आप को इसका मुकाबला करने के काबिल बनाया।छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिले के छोटे से गांव कोदाभाठ में रहने वाले विजय साहू ने पीएससी सहायक प्राध्यापक परीक्षा में टॉप किया है।आलू प्याज बेचते हुए विजय साहू ने अपने लक्ष्य में ध्यान को केंद्रित रखा और साबित कर दिया कि कुछ भी नामुनकिन नही है।परिस्थितियां भी मेहनत के आगे झुकती है।कड़ी मेहनत का कोई भी विकल्प नही है।आइये पढ़ते है विजय साहू से सत्यदर्शन लाइव की खास बातचीत
खूबसूरत शहर कांकेर की खुली वादियों ने काफी कुछ सिखाया।यहां की नैसर्गिक वातावरण ने हमेशा से प्रेरित किया है।छत्तीसगढ़ के मानचित्र में छोटा सा गांव कोदाभाठ जहा की यादें मेरे जेहन में हमेशा तरोताजा रहती है।आज भी याद है हमारे पुश्तैनी काम आलू प्याज मेरे दादाजी हाट बाजारों में बेचा करते थे।परिवार की जीविका का मुख्य साधन यही है।मेरे पिताजी श्री गिरधारी राम साहू अक्सर कहते थे असली शिक्षा हमे ग्राहकों से मिलता है।मैंने भी हमेशा से ही लोगो से सीखने की चाहत रखी है।कब कौन हमे सीखा जाए यह हम नही जानते।माताजी श्रीमति इंद्रा साहू ने अनुशासित जीवन का पथ दिखलाया।सो आज जो सफलता मुझे मिली है उसमें काफी सारे लोगो का योगदान है।असल मे यह मेरे जैसे दूर दराज छोटे से गांव में रहने वाले हजारो लोगों का सपना साकार हुआ है।उनमें भी चाहत जगी होगी कि कोई किसी से कम नही है बशर्ते सही दिशा में प्रयास किया जावे।
शिक्षा के क्षेत्र में
बीकॉम 1 में अपने प्रो.आर.के.एस. ठाकुर को देखकर प्रेरित हुआ क्योकि उनको कामर्स के सभी विषयों का ज्ञान था साथ ही साथ बचपन से कुछ बड़ा करने की चाहत थी,क्योकि सारा बचपन गरीबी में गुजरा था पूरे परिवार में कोई भी सरकारी नौकरी में नही थे।
आलू प्याज बेचते वक्त कुछ यादें
आलू प्याज मै कांकेर और आस पास के हॉट बाजारो में बेचता था अक्सर मेरे सहपाठी और शिक्षक बाजारों में मुझे मिलते थे जब मैं भानुप्रताप शा. स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांकेर में अतिथि शिक्षक के रूप में कार्यरत था तब भी मैं रविवार की छुट्टी में आलू प्याज बेचता था पर मुझे कभी शर्म नही आई।मुझे गर्व है कि मैं अपनी पढ़ाई का खर्च स्वयं निकालने के लिए आलू प्याज बेचता था।
सफलता का सफर
मुझे प्रथम प्रयास में ही यह सफलता(सी जी पीएससी असिस्टेंट प्रोफेसर) हासिल हुई है। मैने प्रथम प्रयास में ही cg-set एवं तृतीय प्रयास में ugc net-jrf पास किया हु।2 बार ugc net और cg set पास किया हु।बस्तर विश्विद्यालय की एम काम परीक्षा में प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान आने पर 2016 में महामहिम राज्यपाल महोदया सुश्री अनुसुइया उइके द्वारा गोल्ड मेडल प्रदान किया गया है।
मैं कभी भी अपने करियर को लेकर परेशान नही हुआ क्योकि मेरे पास खोने के लिए कुछ नही था और पाने के लिए सारा जहां है।मैंने असिस्टेंट प्रोफेसर के अलावा अन्य कोई भी परीक्षा नही दी क्योकि मेरा केवल एक ही लक्ष्य था सहायक प्राध्यापक बनना।
Key to success अकेडमी
मैं जनवरी 2017 से जून 2017 तक 6 माह रायपुर में रहकर Key to success अकेडमी में NET-JRF परीक्षा की तैयारी किया जिसके परिणामस्वरूप नवम्बर 2017 में NET-JRF की परीक्षा और sep 2017 में CG SET की परीक्षा उतीर्ण किया
युवाओं से दो बातें
जो भी युवा अपना लक्ष्य बनाए है उन्हें मेरी तरफ से एक सलाह है कि अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए अपना 100% योगदान दे,धैर्य के साथ तैयारी करें, दोस्तो के साथ ग्रुप स्टडी करे।सिलेबस की तैयारी करे,कुछ भी टॉपिक को नही छोड़े रिविजन करते रहे और जो भी आप पढ़ रहे हो सीख रहे हो उसको दुसरो के साथ जरूर शेयर करे क्योकि ज्ञान बांटने से बढ़ता है न कि छुपा कर रखने से।
कठिनाइयां कितनी भी हो, जब लक्ष्य को पाने की चाहत प्रबल हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको आपके मंज़िल तक पहुँचने से नहीं रोक सकता। यह सिर्फ कहने की बात नहीं है बल्कि एक सच्चाई है। हमारे समाज में ऐसे कई उदाहरण हैं जहाँ आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक चुनौतियों का सामना करते हुए लोग सफलता की कहानी लिखे हैं।विजय साहू के अथक मेहनत और संघर्ष को सत्यदर्शन लाइव सलाम करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
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