Dr.Aditi Pant: भारतीय महिलाओं के लिए किसी पेशे में मुकाम हासिल करने की राह आसान नहीं है, लेकिन कुछ साहसी महिलाओं ने बिजनेस से लेकर विज्ञान तक के क्षेत्र में अपने नाम का परचम लहराया। इन्हीं महिलाओं में से एक हैं डॉ. अदिति पंत। अदिति पंत पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने अंटार्कटिका की यात्रा की थी। आइए जानते हैं कौन हैं अदिति पंत, जिन्होंने ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज कर खुद के साथ ही भारत का मान भी विश्व में बढ़ाया है।
अदिति पंत कौन हैं?
अदिति पंत एक समुद्र विज्ञानी हैं। अदिति पंत का जन्म 5 जुलाई 1943 को नागपुर में एक मराठी परिवार में हुआ। उनके पिता अप्पासाहेब पंत राजनयिक थे और मां डाॅ. नलिनी देवी राॅयल काॅलेज आॅफ सर्जन में फेलो थीं। युवा अवस्था से ही विज्ञान में रुचि होने के कारण उन्होंने इसे ही अपनी राह बनाई।
अदिति पंत ने अपना स्नातक पुणे विश्वविद्यालय से पूरा किया। इसके बाद यूएस सरकार से स्कॉलरशिप मिलने पर वह मरीन साइंसेस में परास्नातक के लिए हवाई विश्वविद्यालय चली गईं। लंदन विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। उनकी थीसिस समुद्री शैवाल के शरीर विज्ञान से जुड़ी हुई थी।
अंटार्कटिका पर जाने वाली पहली महिला ओशनोग्राफर
उस दौरान अंटार्कटिक महासागर के शोध के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओशनोग्राी (NIO) एक प्रोग्राम बनाया था। जिसमें अनेक सब्जेक्ट पर शोध करना था और यह मौका अदिति जी को मिला। वह बहुत खुश हुईं। 1983 से 1984 में अदिति इस अभियान से जुड़ने वाली पहली भारतीय महिला ओशनोग्राफर बनीं जो अंटार्कटिका गईं और वहां खतरनाक जलवायु में रह कर उन्होंने भौतिकी, रासायनिक और जीव विज्ञान की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने यहां पर अपनी टीम के साथ पहला भारतीय वैज्ञानिक रिसर्च बेस स्टेशन ‘दक्षिण गंगोत्री’ बनाया था।
उपलब्धियां और सम्मान
लगभग 65 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में उनका प्रकाशन हैं। अदिति पंत के नाम 5 पेटेंट हैं। भारत सरकार ने अदिति पंत को अंटार्कटिका पुरस्कार से सम्मानित किया। अदिति पंत ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी, नेशनल केमिकल लेबोरेटरी, पुणे विश्वविद्यालय और महाराष्ट्र एकेडमी ऑफ साइंस में वरिष्ठ पदों पर काम किया है और सिर्फ अपना सपना ही पूरा नहीं किया, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया।