छत्तीसगढ़ के किसानों ने भी भरी हुंकार…किसान संगठन हुए लामबंद अन्य संगठनों ने भी दिया जबरदस्त समर्थन

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*दिल्ली से लौटे अखिल भारतीय किसान महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक डॉ त्रिपाठी ने भी की शिरकत, एकजुट होकर लड़ने की दी सलाह

*किसान संगठनों में फूट डालने तथा आंदोलन को बदनाम करने पर आमदा सरकार,हमें रहना होगा होशियार : डॉ राजाराम त्रिपाठी

देश की राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक बूढा तालाब के तट पर किसानों से प्रदेश के लगभग सारे किसान संगठनों की एक साझा बैठक आयोजित की जिसे “किसान बइठका” का नाम दिया गया! इसमें प्रदेश के लगभग सभी सक्रिय किसान संगठनों के प्रमुख नेता शामिल हुए, *इनमें डां संकेत ठाकुर, वीरेंद्र पांडे ,जनकलाल ठाकुर, राजकुमार गुप्ता, रामगुलाम सिंह ठाकुर,दाऊ आनंद कुमार, गौतम बंधु उपाध्याय, पारसनाथ साहू, रूपन चंद्राकर, दलेर सिंह मनमोहन जी, सुरेश मिश्रा जी, तथा अन्य कई वरिष्ठ किसान नेता, समाजसेवी, मजदूर नेता, व्यवसाय संघ के पदाधिकारी तथा सिक्ख समाज के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे* और सभी ने हाल में ही पारित केंद्र सरकार के तीनों कानूनों के विरोध में अपनी बातें पुरजोर तरीके से रखी।इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ सर्व समाज, मजदूर संगठन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन तथा प्रदेश के व्यवसायियों ने भी अपना सहयोग दिया। बैठक में प्रमुख रूप से सिक्ख समाज के पदाधिकारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

किसानों के दिल्ली आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे रहे,’अखिल भारतीय किसान महासंघ’ (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी भी इस “किसान बइठका व धरना” में सम्मिलित हुए। डॉ त्रिपाठी ने मंच से केंद्र सरकार को ललकारते हुए कहा कि यह तीनों बिल सरकार केवल बड़े कारपोरेट के लिए ही ले आई है, इससे देश के किसान , छोटे व्यापारी एवं मध्यम वर्ग किसी को भी फायदा नहीं होने वाला, किंतु इससे किसान जरूर पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। डॉ त्रिपाठी ने कहा कि सरकार इस आंदोलन को कुचलने के लिए कई तरह की चालें चल रही है। हम संगठनों में फूट डालने की कोशिश कर रही है तथा है इस पर खालिस्तानी पाकिस्तानी अथवा विपक्षी राजनीतिक पार्टियों का आंदोलन का ठप्पा लगाकर इसे बदनाम करने की कोशिश कर रही है। ऐसे में हम सभी किसान संगठनों को अतिरिक्त रूप से सतर्क और एकजुट रहना होगा। राजनीतिक पार्टियों से जुड़े व्यक्तियों से आंदोलन को परहेज रखना होगा।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से डां संकेत ठाकुर, वीरेंद्र पांडे ,जनकलाल ठाकुर, राजकुमार गुप्ता, रामगुलाम सिंह ठाकुर,दाऊ आनंद कुमार, गौतम बंधु उपाध्याय, पारसनाथ साहू, रूपन चंद्राकर, दलेर सिंह मनमोहन जी, सुरेश मिश्रा जी, तथा अन्य कई वरिष्ठ किसान नेता समाजसेवी मजदूर नेता व्यवसाय संघ के पदाधिकारी तथा सिक्ख समाज के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।

इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ सर्व समाज, मजदूर संगठन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन तथा प्रदेश के व्यवसायियों ने भी अपना सहयोग दिया है। आज की बैठक में प्रमुख रूप से सिक्ख समाज के पदाधिकारियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। आयोजन में देश के जाने माने उद्यमी तथा समाज सेवी हरदीप गरचा का सम्मान भी किया गया।। बैठक का समापन पंजाबी भाषा के इस आंदोलन के दौर के किसान क्रांतिकारी गीत से किया गया।

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