कमलेश यादव : दुर्ग के इंदिरा मार्केट स्थित “पारख जय ज्वेलरी” न केवल अपने आभूषणों की विशिष्टता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां गौ सेवा की परंपरा भी प्रेरणा का स्रोत है। इस सेवा के पीछे जय कुमार जी पारख और उनके पुत्र हर्षद और अभिजीत का योगदान है, जो पिछले 20 वर्षों से नियमित रूप से गौ माता की सेवा करते आ रहे हैं।
गौरतलब है कि पारख परिवार प्रतिदिन गौ माता को 10-15 रोटियां अर्पित करते हैं। इस सेवा का अद्भुत पहलू यह है कि यह गौ माता छठी पीढ़ी की है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी इस परिवार से जुड़ी हुई है। इससे पहले जय कुमार जी की माता, दादी, नानी और परदादी ने यह सेवा शुरू की थी, जो आज भी उनके वंशजों द्वारा निभाई जा रही है।
गाय का व्यवहार भी पारख परिवार की इस सेवा के प्रति कृतज्ञता दर्शाता है। यह गाय हर सुबह या शाम दुकान पर आती है, रोटियां खाती है और फिर दुकान का पूरा चक्कर लगाती है, मानो अपनी उपस्थिति से परिवार को आशीर्वाद दे रही हो।
इस परंपरा में पारख परिवार ने न केवल अपनी श्रद्धा का परिचय दिया है, बल्कि समाज को भी गौ सेवा का महत्व समझाने का प्रयास किया है। गौ माता को परिवार के सदस्य की तरह देखना और उनकी सेवा करना हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे पारख परिवार ने जीवंत रखा है। निस्वार्थ सेवा और परंपरा का पालन न केवल परिवार को सशक्त बनाता है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी देता है। पारख परिवार का यह कार्य हमें अपने आसपास के प्राणियों के प्रति दया और करुणा दिखाने की प्रेरणा देता है।