जो लोग विज्ञान तक नहीं पहुंच पा रहें, विज्ञान को उन तक पहुंचाने के लिए पिछले 11 सालों से पंजाब के यह टीचर एक अनोखा प्रयास कर रहे हैं। उनकी चलती फिरती कार में आपको गणित के फॉर्मूले से लेकर अंतरिक्ष की अनोखी दुनिया तक, सब कुछ देखने को मिल जाएगा । चलती-फिरती साइंस लैब कभी देखी है आपने।
उनकी चलती-फिरती कार में आपको गणित के फॉर्मूले से लेकर अंतरिक्ष की अनोखी दुनिया तक, सब कुछ देखने को मिल जाएगा। दरअसल पटियाला, पंजाब के जसविंदर सिंह घर-घर तक विज्ञान पहुँचाना चाहते हैं। अपने इसी मकसद को पूरा करने के लिए जसविंदर सिंह ने इस अनोखी lab on Wheels को बनाया था। जिसे वह पिछले 11 सालों से चला रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया, “एक दिन मैं प्रैक्टिकल परीक्षा लेने के स्कूल में गया था। तो वहां बच्चों ने कहा ‘हमें तो टीचर ने बोला था कि साइन करके आ जाना है।” तो मैंने कहा तीन घंटे का प्रैक्टिकल पेपर है, कुछ करके दिखाओगे तो मैं मार्क्स दूंगा न। तभी मेरे मन में ख्याल आया इनको कुछ प्रैक्टिकल कराया जाए। तो जब बच्चों को मैंने सिखाना शुरू किया तो उन्होंने कहा कि और बताओ।”
इस घटना से जसविंदर को समझ आ गया कि बच्चों को किताबें नहीं, प्रैक्टिकल तरीके से ही विज्ञान से जोड़ा जा सकता है। बस फिर क्या था उसी समय उन्होंने फैसला कर लिया कि जो लोग विज्ञान के पास नहीं आ रहे, विज्ञान को वह खुद उन तक लेकर जाएंगे। उन्होंने अपने पैसों से यह लैब बनाई और शहर के अलग-अलग संस्थानों, चौराहों, यहाँ तक की मंदिरों में जाकर भी वह लोगों को ग्रहों, चुंबक और बिजली के बारे में बताते हैं।
इस तरह आज तक वह 1359 प्रदर्शनियां लगा चुके हैं। उन्होंने भारत के 11 राज्यों में भी इस तरह की प्रदर्शनी लगाई है। और करीबन 7 लाख लोगों से मिलकर उन्हें विज्ञान से जोड़ने का काम किया है।इतना ही नहीं अपने इस प्रयास के लिए वह International Book of Record, Pride of Punjab, शिक्षा रत्न अवार्ड जैसे कई सम्मान भी हासिल कर चुके हैं।