कमलेश यादव: नाम संजू वर्मा, उम्र 52 साल, वे छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हमाली का काम करते हैं। हमाली यानी भारी सामान उठाना उनका रोज़ का काम है। अब हम आपको उनके बारे में क्यों बता रहे हैं, दरअसल संजू वर्मा की ज़िंदगी कड़ी मेहनत और अनुशासन का एक बेहतरीन उदाहरण है। संजू जी की दिनचर्या सुबह 5 बजे शुरू होती है, जब ज़्यादातर लोग सो रहे होते हैं। वे अपने दिन की शुरुआत जिम में कसरत करके करते हैं, जो उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और फिटनेस के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
संजू वर्मा का काम सुबह 11 बजे शुरू होता है और वे रात 11 बजे तक व्यस्त रहते हैं। उन्हें भारी सामान उठाना पड़ता है, जिसका वजन 60 से 70 किलो तक होता है। यह काम न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि बेहद श्रमसाध्य भी है। इसके बावजूद संजू वर्मा ने अपनी फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति समर्पण को कभी कम नहीं होने दिया। वे जानते हैं कि स्वस्थ शरीर और दिमाग के लिए व्यायाम कितना महत्वपूर्ण है और इसलिए वे अपने काम के साथ-साथ इसे भी पूरी लगन से करते हैं।
संजू वर्मा का जीवन हमेशा से संघर्षपूर्ण रहा है। वे पहले सब्जी हमाली का काम करते थे और रिक्शा भी चलाया करते थे। इन सभी कठिनाइयों और चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। उनकी दृढ़ता, आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत ने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया है। वह कहते है कि, कठिन परिश्रम और अनुशासन के साथ जीवन की किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।
उनकी दिनचर्या और काम करने का तरीका खासकर उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है जो व्यायाम से बचते हैं । संजू वर्मा जी न केवल अपनी आजीविका चलाने के लिए, बल्कि अपने जीवन को एक सार्थक दिशा देने के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। उनका यह संघर्ष और समर्पण हमें यह सिखाता है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता, और अगर हम अपनी पूरी ताकत और समर्पण के साथ किसी काम को करते हैं, तो हम किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।