स्टार्टअप : आरुषि की स्टार्टअप कंपनी टैलेंटडीक्रिप्ट जिसका टर्नओवर करोड़ों में है

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गोपी साहू : सिर्फ सोचने और सपने देखने से कुछ नहीं होता है. उस क्षेत्र में सफलता पाने के लिए जी-जान से लगना पड़ता है. सोच-समझकर ठोस कदम उठाने से ही कामयाबी मिलती है. आज हम आपको उत्तर प्रदेश स्थित गाजियाबाद के नेहरू नगर में रहने वाली आरुषि अग्रवाल की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं. जिन्होंने अपने सपने को सच करने के लिए 1 करोड़ वाली जॉब को ठुकरा दी थी. आज वह खुद की कंपनी की चलाती हैं. जिसका करोड़ों का टर्नओवर है. आरुषि की कंपनी में कोई लोग जॉब कर रहे हैं.

नौकरी के लिए आए थे कई ऑफर
आरुषि की स्‍टार्टअप कंपनी का नाम टैलेंटडीक्रिप्ट (TalentDecrypt) है. इस कंपनी को शुरू करने से पहले आरुषि के पास कई नौकरियों के ऑफर आए, जिनमें एक बड़ी निजी कंपनी ने एक करोड़ रुपए के पैकेज में अरुषि को अपने साथ जोड़ना चाहा, लेकिन उन्होंने इस डील को ठुकरा दिया. क्योंकि उन्होंने बचपन से कुछ अलग करने के बारे में सोचा था. आरुषि के घरवालों को जब पता चला की वह एक करोड़ के प्लेसमेंट ऑफर को छोड़कर अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहती हैं तो वे थोड़े असमंजस में आ गए लेकिन बाद में घर के सभी लोगों ने उनका सपोर्ट किया. जिसके चलते आज वह इस मुकाम तक पहुंची हैं.

कोडिंग सीख सॉफ्टवेयर किया तैयार 
मूल रूप से मुरादाबाद की रहने वाली आरुषि ने नोएडा के जेपी इंस्टीट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हैं. वह आईआईएम बेंगलुरु से मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुकी हैं. आईआईटी-दिल्ली से इंटर्नशिप की थीं. साल 2018 के अंत में आरुषि ने कोडिंग सीख कर सॉफ्टवेयर तैयार करना शुरू कर दिया था.अपनी कड़ी मेहनत के दम पर आरुषि ने सिर्फ डेढ़ साल में ही सॉफ्टवेयर टैलेंटडीक्रिप्ट तैयार कर लिया.

इतनी कंपनियां ले रहीं सेवा
आरुषि का कहना था कि मेरे पास स्टार्टअप आइडिया तैयार था. अब मैंने सोचा कि खुद के सपने को साकार करने का समय आ गया है. आरुषि ने 2020 में कोरोना की महामारी की चुनौतियों के बीच सिर्फ एक लाख रुपए के शुरुआती निवेश के साथ टैलेंटडीक्रिप्ट को लॉन्च किया. अरुषि की कंपनी टैलेंटडीक्रिप्ट युवाओं को उनकी मनचाही नौकरी हासिल करने में मदद करती है. उनकी कंपनी भले ही इंडिया में स्थित है लेकिन इस कंपनी की सेवा  यूएस, सिंगापुर, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका नेपाल सहित अन्य देशों की 380 कंपनियां ले रही हैं. एक लाख रुपए से शुरू हुई आरुषि की कंपनी आज 50 करोड़ रुपए की कंपनी में तब्‍दील हो चुकी है.

सैकड़ों युवा पा चुके हैं नौकरी
टैलेंटडीक्रिप्ट एक कोडिंग आधारित एग्जाम प्लेटफॉर्म है, जो पूरी विश्वसनीयता सुनिश्चित करते हुए कंपनियों को ऑनलाइन  परीक्षा आयोजित करने में सक्षम बनाता है.  जो चीज टैलेंटडीक्रिप्ट को अलग करती हैं, वे हैं उसके कड़े सिक्‍योरिटी फीचर. ये रिमोट जॉब असेसमेंट के दौरान अनधिकृत डिवाइस के इस्‍तेमाल या बाहरी मदद को रोकते हैं. इस कंपनी में युवाओं को हैकाथॉन के जरिए वर्चुअल स्किल टेस्ट से गुजरना पड़ता है. स्किल टेस्ट पास करने के बाद सीधे कंपनियों के साथ लाइनअप करके युवाओं का इंटरव्यू होता है. साक्षात्कार के बाद युवा अपनी मनचाही नौकरी पाने की ओर बढ़ जाते हैं. अब तक सैकड़ों युवा टैलेंटडीक्रिप्ट के जरिए नौकरी पा चुके हैं.

महिला उद्यमियों के लिए हैं आदर्श
भारत सरकार से देश के शीर्ष उद्यमियों में से एक के रूप में आरुषि को सम्मानित किया जा चुका है. आरुषि अपना आदर्श अपने आईआईटीएन दादा ओमप्रकाश गुप्ता को मानती हैं. आरुषि के पिता अजय गुप्ता बिजनेसमैन हैं. मां गृहिणी हैं. आरुषि बता चुकी हैं कि शुरुआत में मन में काफी डाउट थे, लेकिन परिवार ने पूरा सहयोग दिया. टैलेंटडीक्रिप्ट की सफलता के पीछे मेरे परिवार का हाथ है.उनकी कपंनी की कई मल्टीनेशनल कंपनियां क्लाइंट हैं. आज आरुषि महिला उद्यमियों के लिए आदर्श बन चुकी हैं.

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