शिक्षक दिवस…आइए रूबरू होते है एक ऐसी शिक्षिका सरोजनी साहू से जिनकी मेहनत और लगन ने ना केवल विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव लाया है…बल्कि उनकी कहानी सुनकर आप भी सैल्यूट करेंगे

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आज शिक्षक दिवस है।हर व्यक्ति के जीवन में माता पिता के बाद शिक्षक का ही सबसे ज्यादा महत्व होता है,क्योकि शिक्षक ही अपने विद्यार्थी के ज्ञान का एकमात्र सहारा होता है।आज भी समाज में ऐसे शिक्षक है,जिनकी कर्मठता ,नवाचार व सदाचार और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनके कार्यो से शिक्षक समाज का सिर गर्व से ऊंचा हुआ हैं।आइए रूबरू होते है एक ऐसी शिक्षिका से जिनकी मेहनत और लगन ने ना केवल विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव लाया है।बल्कि उनकी कहानी सुनकर आप भी सैल्यूट करेंगे।सारंगढ़ जिले की बिलाईगढ़ विकासखंड में पदस्थ शिक्षिका श्रीमती सरोजनी साहू की सकारात्मक सोच ने एक नया बदलाव लाया हैं।

कलेक्टर ने भी की तारीफ
स्कूली बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका शिक्षक निभाते हैं। कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी के निर्देशन में जिले के स्कूली बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान समर कैंप का आयोजन किया गया था। यह कैंप शिक्षिकों के बहुआयामी प्रतिभा को उभारने के लिए सुनहरा अवसर था। इस अवसर का बखूबी उपयोग बिलाईगढ़ विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला बरभांठा की सहायक शिक्षक श्रीमती सरोजनी साहू ने की। शाला प्रवेश उत्सव के दौरान समर कैंप और छलांग कार्यक्रम के उनके बेहतर संचालन और प्रदर्शन के लिए संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय ने सरोजनी साहू का सम्मान किया।

रचनात्मक गतिविधि
प्राथमिक शाला बरभांठा में शिक्षिका सरोजनी साहू ने विभिन्न खेल गतिविधियां एवं रचनात्मक विधा जैसे-फुगड़ी, जुम्बा डांस क्लास, योग, कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, बांटी, भौंरा, गिल्ली डंडा, चिड़िया उड़, क्राफ्ट कटिंग, क्ले आर्ट, पेंटिंग, मिट्टी के खिलौने, पजल गेम, शानदार पुस्तक वाचन, हेयर स्टाइल, कहानी-कविता सुनाना, मेंहदी कला, प्रोफेशनल डांस, फैशन रैम्प में प्रदर्शन, पतंग बनाना, चित्रकला, मूर्तिकला, मेहंदी, रंगोली, माटीकला के मूर्तियों में आकर्षक रंग रोगन सिखाकर इन विधाओं को नई पीढ़ी को स्थानांतरित की हैं। बच्चों को खेल खेल में संज्ञा सर्वनाम क्रिया विशेषण और अंग्रेजी के शब्दों से वाक्य बनाना, भाग देना जैसे परम्परागत शिक्षा भी प्रदान की। बच्चों के करमा कुहुकी गाबो मांदर के ताल म और छेर छेरा गीत पर बेहतर डांस प्रस्तुत सिखाई। इससे खेल-खेल में बच्चों ने सामाजिक सहभागिता और सामूहिक खेल से अपना मानसिक और शारीरिक विकास किया। सरोजनी साहू ने ‘मोर स्कूल’ और ‘सरोजनी साहू’ नाम से यूट्यूब चैनल है, जिसमें इन गतिविधियों को अपलोड भी की है।

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