सात समंदर पार “हरेली उत्सव”…प्रकृति जब हरियाली रूपी चादर को ओढ़ती है तो किसानो के चेहरे पर भीनी मुस्कान श्रम की सारी थकान को मिटा देती है..गणेश कर(नाचा कार्यकारी अध्यक्ष)

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कमलेश यादव:छत्तीसगढ़ की अस्मिता और लोक संस्कृति से जुड़ा त्योहार हरेली।भारत का धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य त्योहारों से भरा हुआ है और त्योहारों की श्रृंखला हरेली से शुरू होती है।यह अंधेरे से उज्ज्वल भविष्य में परिवर्तन को दर्शाता है।बेशक बेहतर कल की उम्मीद।छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि संस्कृति,परंपरा एवं आस्था सदियो पुरानी है।प्रकृति जब हरियाली रूपी चादर को ओढ़ती है तो किसानो के चेहरे पर भीनी मुस्कान श्रम की सारी थकान को मिटा देती है।वे धरती माता के साथ कृषि यंत्रों की भी पूजा करते है।सात समंदर पार आज हम सभी भी हरेली उत्सव के रंग में रँगे हुए है।ताकि आने वाली पीढियां भी प्रकृति के उत्सव के महत्व को समझ सके।गुड़ की चीला बनाकर पूजा अर्चना करके हमने भी प्रकृति को अभिवादन किया है।

हम सभी का अस्तित्व मूल रूप से कृषि से ही जुड़ा हुआ है।कोई चाहे जितना भी बड़ा हो जाये प्रकृति से ऊपर नही हो सकता इस बात का पर्याय हरेली उत्सव में समाहित है।जब किसान अच्छी फसल की कामना करते हुए पूजा अर्चना करते है हरियाली की देवी प्रसन्न होती है और समृद्धि की हरी चादर से खेतों को हरा भरा कर देती है।

यह पारंपरिक त्योहार खुशियां लेकर आता है।छोटे बच्चों से लेकर बड़ो तक “गेड़ी” का आनन्द लिया जाता है।गेड़ी मूलतः बांस के द्वारा बनाया गया लम्बी छड़ी की एक जोड़ी होती है जिस पर विशेष रूप से चढा जाता है और उसी के द्वारा चलते है।यह वाकई में अद्भुत है।त्योहार से हमारे जीवन मे एक नई ऊर्जा का संचार होता है।छत्तीसगढ़ का प्रथम लोक पर्व हरेली सभी के दिलो में खुशियां और समृद्धि लेकर आती है।

NACHA के सभी सदस्यों द्वारा हरेली पर्व के लिए छत्तीसगढ़ वासियो के लिए शुभकामनाएं प्रेषित किया गया है।जब किसान खुशहाल और समृद्ध होता है तो आम लोगों के जीवन मे भी खुशहाली और संपन्नता आती है। घरों के प्रवेश द्वार पर नीम के पेड़ की शाखाएं मेरे पैतृक घर छत्तीसगढ़ में आज भी लगाई जाती हैं।यह पारंपरिक त्यौहार वैज्ञानिक आधार की भी पुष्टि करता हैं।

हमें छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला संस्कृति तीज त्योहार एवं परंपराओं पर गर्व की अनुभूति होती है।यकीन मानिए प्रकृति के पास आपको देने के लिए बहुत कुछ है।उत्सव मनाएं साथ ही स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है ताकि दुसरो लोगो को किसी प्रकार से कोई तकलीफ न हो।इस त्योहार ने वास्तव में मुझे जिंदगी के गहरे अर्थो को समझाया है।मेरे तरफ से पूरे छत्तीसगढ़ वासियो को हरेली की बधाई और शुभकामनाएं!

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