भारत में चिकित्सा सुविधाओं से कही ज्यादा “चिकित्सा ज्ञान” की जरूरत है…होमियोपैथी चिकित्सक डॉ. शोभना गौरव तिवारी की प्रेरणादायी कहानी

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कमलेश यादव,रायपुर:”गंभीर बीमारी से यदि कोई मरीज ठीक होकर अपने घर जाता है तो यह लगता है ईश्वर ने मुझे सेवा के लिए ही इस दुनिया मे भेजा है”यह कहना है डॉ. शोभना गौरव तिवारी का।होमियोपैथी चिकित्सक डॉ.शोभना गौरव तिवारी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोमल होमियोपैथी हॉस्पिटल संतोषी नगर में अपनी सेवाएं दे रही है।मंद बुद्धि सेरिब्रलपालसी डाउन सिंड्रोम मस्कुलर डिस्ट्राफी अनुवांशिक रोग जैसे असाध्य बीमारियों का निःशुल्क चिकित्सा परामर्श के साथ जरूरतमन्दों का इलाज भी निःशुल्क करती है।अक्सर जब आप कार्य स्थापित करने की कोशिश कर रहे होते हैं, तो मुनाफा कमाने की जरूरत बाकी सब चीजों पर हावी हो जाती है। फिर भी डॉ. शोभना गौरव तिवारी ने खुद को अपने मूल लक्ष्य “मरीजों की सेवा” से दूर नहीं जाने दिया।

सब कुछ भूल कर आगे बढ़ना और खुद से वह कहना कि यह सिर्फ एक संयोग मात्र था इसके लिए दृढ़ संकल्प की आवश्यकता थी।चिकित्सा अधिकारी के पद पर कबीरधाम में पदस्थ थी बच्चों की पढ़ाई और परवरिश के लिए उन्होंने 2018 में नौकरी से इस्तीफा दे दिया। परन्तु इस चुनौती को स्वीकार कर पाना बहुत ही महत्वपूर्ण था। यह बहुत ही मुश्किल है कि जब आप निजी जीवन में और अपने कैरियर में कैसे सन्तुलन बनाए।

डॉ. शोभना गौरव तिवारी ने सत्यदर्शन लाइव को बताया कि,”पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए मरीजों की सेवा जिंदगी का मकसद बन गया है”।आज जब बीमारी से हताश निराश लोगों को देखती हूँ तो माँ की ममता एक चिकित्सक के रूप में झलकती है।जटिल ,पुरानी एवं लाइलाज बीमारियों का जड़ से इलाज होमियोपैथी चिकित्सा में संभव हैं।विगत 5 वर्षों से डॉ. शोभना तिवारी ने धमतरी जिले के सांकरा में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाती है।हजारों मरीजों को लाभ प्राप्त हुआ है।

होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति से जटिल से जटिल बीमारियों का इलाज संभव है।डॉ.शोभना गौरव तिवारी कहती है कि भारत के लोगो में ‘चिकित्सा सुविधा’ की जरूरत से कही ज्यादा ‘चिकित्सा ज्ञान’ की है।वह मानती है कि महंगी इलाज से लोग टूट जाते है।अब धीरे धीरे इस चिकित्सा पद्धती का विस्तार हो रहा है।एंटी बायोटिक और एंटी वायरल दवा लेने से तुरन्त राहत तो मिलती है लेकिन इसके साइड इफेक्ट भी होते है।लेकिन होमियोपैथी में इस तरह की कोई समस्या नहीं होती।

जिंदगी में कभी पैसे को महत्व नहीं दिया जब काम खत्म करके घर पहुँचती हूँ चेहरे में खुशी की चमक और शांति महसूस करती हूं।सेवा से जो खुशी मिलती है वह दुनिया की दौलत से भी कही बड़ा है।इस कार्य मे मेरे पति गौरव तिवारी ने भरपूर सहयोग दिया है।जब सभी मेरे फैसले के खिलाफ थे उन्होंने साये की तरफ साथ दिया है।ईश्वर को रोज धन्यवाद देती हूं कि सेवा के लिए मुझे इस धरती पर भेजा है।पूज्य पिताजी स्व.कोमल प्रसाद चौबे और माताजी स्व.हेमिन चौबे की दी हुई सीख जिंदगी की राह आसान बनाती गई।परोपकार की पाठ बचपन के संस्कारों में पिताजी ने सिखाया है।दुसरो की मदद के लिए हमे हमेशा तैयार रहना चाहिए बाकी ईश्वर सब कुछ देख रहा है।

आप किसी बीमार या परेशान इंसान को देखेंगे तो आप भी उसकी मदद करने का प्रयास करेंगे। अमीर इंसान के पास तो सब सुविधाएं हैं अपने इलाज के लिए खर्च करने की, मगर एक किसान, मजदूर या गरीब आदमी क्या करे, कहां जाए? इनकी परेशानियां देखकर एक बेचैनी होती है। यह बेचैनी ही लगातार हमें समाज के गरीब वर्ग के बीच जाकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है।डॉ. शोभना तिवारी जैसे चिकित्सक की समाज को जरूरत है।”सत्यदर्शन लाइव डॉ. शोभना गौरव तिवारी को दिल से सलाम करता है।

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