कांकेर:-शिक्षा से पूरे समाज की तस्वीर बदला जा सकता है,हम बात करेंगे ऐसे गांव के बारे में जहा शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए अनूठा प्रयोग किया गया है।कांकेर जिले के सुदूर ग्राम मुसुरपुट्टा में छात्र/छात्राओं के शिक्षा के स्तर को उठाने के लिए अधिकारी/कर्मचारी प्रकोष्ठ के द्वारा प्रतिवर्ष 10वी एवं 12वी में अधिक अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को हवाई यात्रा करा-कर पुरस्कृत एवं सम्मान किया जाता है।
इस कार्यक्रम की शुरुआत 2008 से लगातार किया जा रहा है।प्रारम्भ में टॉपर छात्रों को साइकल,स्कूली बैग,एवं उपयोगी समान दिया जाता था।2013 से 10वी एवं 12वी के टॉपर छात्रों को हवाई यात्रा कराया जा रहा है।
विभिन्न स्थानों की यात्रा
अब तक दिल्ली ,आगरा,मथुरा,कन्याकुमारी, रामेश्वरम,जम्मूकश्मीर,नेपाल,भूटान,अमृतसर, हैदराबाद, कोलकाता,आदि पर्यटन स्थलों का यात्रा कराया जा चुका है।प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के साथ ही साथ उनके पालक एवं 15-20 ग्रामवासी भी प्रतिवर्ष हवाई यात्रा करते है।।।।
अधिकारी/कर्मचारी प्रकोष्ठ मुसुरपुट्टा
डॉ.भीमराव अंबेडकर ने कहा था”ऐ मेरे पढ़े हुए लोगो,जब पढ़ लिखकर कुछ बन जाओ,तो कुछ पैसा,बुद्धि,ज्ञान,हुनर,समय,उस समाज को दे देना जिस समाज से तुम आये हो”।आज इस छोटे से गांव का कर्मचारी/अधिकारी प्रकोष्ठ एक मिसाल पेश किया है।और आने वाले भविष्य को सही दिशा और मार्गदर्शन देने में लगे हुए है।इस समूह में 100 से भी अधिक अधिकारी कर्मचारी है।जिसमे डिप्टी कलेक्टर, कार्यपालन अभियंता, इंजीनियर,प्राचार्य, सब इंस्पेक्टर, व्याख्याता, शिक्षक,सेना में पदस्थ जवान सम्मिलित है।
सर्वांगीण विकास पर जोर
यात्रा के पश्चात दीपावली के दिन छात्रों का दीप मिलन समारोह आयोजित किया जाता है।इस दिन छात्र-छात्राओ का सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं खेलकूद आयोजित किया जाता है।सांस्कृतिक ,खेलकूद,एवं पढ़ाई के क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मान कर पुरस्कृत किया जाता है।इस प्रकार के आयोजनों से ग्राम के विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न होती है।जिससे गांव के छात्रों में,शिक्षा,खेलकूद एवं कला के क्षेत्र में सुधार हो रहा है।
सिंगापुर यात्रा की घोषणा
10वी एवं 12वी में छत्तीसगढ़ टॉप टेन में यदि इस गांव से कोई विद्यार्थी आता है, तो अधिकारी/कर्मचारी प्रकोष्ठ द्वारा सिंगापुर ले जाने की घोषणा की गई है।पहले इस गांव में 50%तक विद्यार्थी लाते थे लेकिन वर्तमान में 92%तक आ गया है।निश्चित ही इस सराहनीय पहल से शिक्षा का स्तर सुधरा है।
गांव के ही कर्मचारी अधिकारियों का शिक्षा के लिए एकजुटकर होकर प्रयास करना पूरे छत्तीसगढ़ के लिए बेमिसाल उदाहरण है। संयोजक श्री धनराज भास्कर(प्र.अ.) संरक्षक धनराज मरकाम(डिप्टी कलेक्टर),देवकरण भास्कर(बी.आर. सी.),भीखम साहू,जीवन अरकरा, दीनानाथ नेताम,शिवराज अरकरा,राजाराम भस्कर,लखन साहू,राजेश कलिहारी,अरविंद भारती, प्रदीप सार्वा, घुन्नु मरकाम,अखिलेश अरकरा,अनूप,नागेश,योगेश भारती, राकेश निषाद और अन्य कर्मचारी अधिकारियों का विशेष योगदान रहता है।