सत्यदर्शन साहित्य.….अतिथि सम्पादक एस.पी.विश्वकर्मा “सृजेता” की कलम से…प्रदेशों में सबसे न्यारा,छत्तीसगढ़ हमारा

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प्रदेशों में सबसे न्यारा,छत्तीसगढ़ हमारा ।
प्राणों से भी है प्यारा,छत्तीसगढ़ हमारा ।।

मस्तक मुकुट है यूपी , चरणों में आंध्र का दम ।
बायें तरफ उड़ीसा , दायें है एमपी हरदम ।।

रक्षा सदैव करते , छत्तीस हैं दुर्ग अनुपम ।
अद्भुत छटा निराली, हर प्राण को पियारा ।।प्रदेशों में ..

उत्तर में अम्बिका मां ,दक्षिण में मां दन्तेश्वरी।
हैं मध्य में महामाया , पश्चिम में मां बम्लेश्वरी ।।

राजिम में राजीव लोचन , पूरब नारायण शिवरी ।।
परिपूर्ण है सभी से , सुखशांति भाई चारा ।।प्रदेशों में ..

नदियों में नीर निर्मल,झरने हैं छल – छलाते ।
स्वच्छंद पशु का विचरण , पक्षी हैं चहचहाते ।।

पुष्पित लता से भंवरे , सुरभित सुगंध लाते ।
माटी में इसकी खुशबू , वातावरण भी प्यारा ।।

प्रदेशों में सबसे न्यारा,छत्तीसगढ़ हमारा ।। प्रदेशों में ..

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