आज है भारत की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती…

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नई दिल्ली:-1831 में भारत में पहली महिला शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता सावित्रीबाई फुले का जन्म आज ही के दिन हुआ था। सावित्री बाई फुले को भारत की पहली शिक्षिका होने का श्रेय जाता है। उन्होंने यह उपलब्धि ऐसे समय में पाई थी जब महिलाओं को पर्दे में रखा जाता था। लेकिन उनके पति  ज्योतिराव फुले के सहयोग के कारण उन्होंने न सिर्फ पढ़ाई की बल्कि देश की महिलाओं को भी पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

देश की पहली महिला शिक्षक जिन्होंने अपना जीवन सिर्फ लड़कियों को पढ़ाने और समाज को ऊपर उठाने में लगा दिया, नाम सावित्रीबाई फुले. आज सावित्रीबाई फुले की 189वीं जयंती है, इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. शिक्षा, महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने जो किया उसके लिए पीएम मोदी ने उन्हें नमन किया. सावित्रीबाई फुले एक दलित परिवार में पैदा हुई थीं, लेकिन तब भी उनका लक्ष्य यही रहता था कि किसी के साथ भेदभाव ना हो और हर किसी को पढ़ने का अवसर मिले. सावित्री बाई से जुड़ी कुछ बातें पढ़ें…

कौन थीं सावित्रीबाई फुले?
सावित्रीबाई फुले, भारत की पहली महिला शिक्षक, कवियत्री, समाजसेविका जिनका लक्ष्य लड़कियों को शिक्षित करना रहा. मात्र नौ साल की उम्र में उनकी शादी क्रांतिकारी ज्योतिबा फुले से हो गई, उस वक्त ज्योतिबा फुले सिर्फ 13 साल के थे.

पति क्रांतिकारी और समाजसेवी थे, तो सावित्रीबाई ने भी अपना जीवन इसी में लगा दिया और दूसरों की सेवा करनी शुरू कर दी. 10 मार्च 1897 को प्लेग द्वारा ग्रसित मरीज़ों की सेवा करते वक्त सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया. प्लेग से ग्रसित बच्चों की सेवा करते हुए उन्हें भी प्लेग हो गया था, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई.

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