कमलेश यादव : मेरा काम मेरे लिए भगवान है कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता। सामान्यतः मैं जिस फील्ड से हूं उसे लोग अच्छा नही मानते लेकिन मैंने कभी इस बात की परवाह नही की,यह कहना है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहने वाली काजल का।जेसीबी हाइवा ट्रेक्टर जैसी हैवी व्हीकल आसानी से चला लेती है।सत्यदर्शन लाइव में काजल की जिंदगी से जुड़ी हुई जीवन के अलग-अलग रंगों से रूबरू होंगे
मेरी प्राथमिकता मेरा परिवार है।”ज़िन्दगी मिल के बिताएंगे,हाल-ए-दिल गा के सुनायेंगे,हम तो सात रंग हैं,ये जहां रंगीं बनायेंगे” यह गाने के बोल रील की तरह मेरे आंखों के सामने से गुजरती है।हम सात बहनें है सबसे बड़ी मैं हूं जाहिर सी बात है बड़ी बहन होने के नाते मेरी जिम्मेवारी भी बढ़ जाती है।पापा से हमने कड़ी मेहनत करने की सीख सीखी है।उन्होंने हमेशा हरेक कामों में प्रोत्साहित किया हैं।
मैं अनुभवी नही हूँ और न ही कोई फिलॉसफर जो जिंदगी जीने की बड़ी बात कहूँ पर इतना जानती हूं कि अपने काम को पूरी शिद्दत के साथ करती आ रही हूं।लड़कियों को यही कहना चाहूंगी कि जिंदगी में सबसे बड़ी चीज है आत्मनिर्भर बनना बाकी बातें बाद में।जब भी मैं जेसीबी व्हीकल के स्टेयरिंग को सम्हालती हूं मुझे गौरवान्वित महसूस होता है कि मैंने अपने सपने को जीया है।जीवन में सफलता तभी मिलती है जब आप खुद चाहते हैं।जूनून,अपना कमिटमेंट मजबूत है तो आपको लक्ष्य हासिल करने से कोई रोक नहीं सकता।
काजल,खुशी,कुमकुम,पायल,पलक,चारु,रिया हम सात बहनें हैं।पापा जितेंद्र सिंह ने हमे पाला पोसा और इस काबिल बनाया की सभी आत्मनिर्भर की राह पर है।जेसीबी ऑटो पार्ट्स और रिपेरिंग का शाप खोले है जहा रिपेरिंग से लेकर पार्ट्स के काम को मैं कर लेती हूं।बाकी बहने अभी पढ़ाई कर रही है।
मैं यह कहना चाहूंगी कि शादी होने से पहले लड़कियों को आत्मनिर्भर हर हाल में बन जाना चाहिए।वक्त तेजी से बदल रहा है कब कौन सा मोड़ आ जाये कौन जानता है।बेटी से बहु बनने की जो सफर है उसमें लोगो के विचार भी बदल जाते है।बहु होने के बाद समाज की तमाम बंदिशें यह नही कर सकती वह नही कर सकती।इस सोच को बदलने की जरूरत है।