दमदार लड़ाकू विमानों की गड़गड़ाहट ने सबका ध्यान उस समय आकर्षित किया,जब पता चला कि इन विमानों को उड़ाने वाले फायटर पायलट कोई और नहीं एक पिता-पुत्री की जोड़ी है

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भारतीय सेना में कई जांबाज महिलाएं हैं जो मिग से लेकर राफेल जैसे लड़ाकू विमानों को बड़ी ही दक्षता के साथ उड़ाने में सक्षम हैं। देश की ये बेटियां हर महिला के लिए मिसाल हैं। महिलाओं की सेना में बढ़ती हिस्सेदारी बताती है कि देश की होनहार बेटियां भारत की सुरक्षा के मामले में भी जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने में सक्षम हैं। सेना में शामिल महिला अधिकारियों या पायलटों को उनके परिवार का साथ मिला, तब जाकर वह इस मुकाम पर पहुंची लेकिन जब एक बेटी अपने पिता के साथ देने के लिए सेना में शामिल हो जाए, इससे बड़े सम्मान की बात किसी भी पिता के लिए नहीं होगी। ऐसी ही एक बेटी और पिता भारतीय वायुसेना में कार्यरत हैं। इन दिनों वायुसेना के इस पिता बेटी की जोड़ी सुर्खियों में है। वजह भी खास है, पिता और बेटी दोनों ही भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट हैं। हाल ही में फाइटर पायलट पिता-बेटी ने एक साथ आसमान में उड़ान भरी। चलिए जानते हैं वायुसेना के फाइटर पायलट पिता-पुत्री के बारे में, जिन्होंने वायु सेना के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है।

वायुसेना में पिता-पुत्री की बेटी ने रचा इतिहास
30 मई को कर्नाटक के बीदर एयरबेस पर लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी। दमदार लड़ाकू विमानों की गड़गड़ाहट ने सबका ध्यान उस समय आकर्षित किया, जब पता चला कि इन विमानों को उड़ाने वाले फायटर पायलट कोई और नहीं एक पिता-पुत्री की जोड़ी है। एयर कमाडोर संजय शर्मा ने आसमान में तेजी से उड़ान भरी तो उसी समय उनकी बेटी फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या शर्मा ने भी आसमान में अपना दमखम दिखाया। पिता-पुत्री का आसमान में यह अनूठा प्रदर्शन ऐतिहासिक बन गया है।

एकसाथ उड़ाया लड़ाकू विमान 
ऐसा नहीं कि इसके पहले कोई पिता-पुत्री वायुसेना में शामिल न हुए हों या उन्होंने फाइटर जेट न उड़ाएं हों। लेकिन संजय शर्मा और उनकी बेटी अनन्या ने एक साथ उड़ान भरी, जो वायुसेना का पहला मामला है। एयर कमाडोर संजय शर्मा और फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या ने ब्रिटेन मूल के हॉक-132 अत्याधुनिक प्रशिक्षु ट्रेनर (AJTs) विमान से उड़ान भरी है।

एयर कमाडोर संजय शर्मा के बारे में जानें
एयर कमाडोर संजय शर्मा साल 1989 में वायु सेना में शामिल हुए थे। उसके बाद से उन्होंने कई लड़ाकू विमानों को उड़ाया। संजय शर्मा के पास मिग 21 समेत कई दमदार फाइटर जेट उड़ाने का अनुभव है। संजय शर्मा की बेटी भी वायुसेना में अधिकारी हैं।

फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या के बारे में जानें
एयरफोर्स अधिकारी के परिवार में जन्मी और पली बढ़ीं अनन्या शर्मा पर सेना का बहुत प्रभाव रहा। अनन्या ने इलेक्ट्रॉनिक्स व कम्यूनिकेशन में बीटेक किया, इसके बाद पिता की राह अपनाते हुए वायुसेना में प्रशिक्षु पायलट के रूप में शामिल हुईं। साल 2016 में वायु सेना में प्रशिक्षु के तौर पर उनका चयन हुआ। 6 साल बाद अनन्या शर्मा साल 2021 में एक लड़ाकू पायलट के तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल हुईं। फ्लाइंग ऑफिसर अनन्या वर्तमान में हाॅक ऐजेटी विमान का प्रशिक्षण ले रही हैं। वहीं स्नातक होने के बाद अनन्या जल्द ही अगली पंक्ति के लड़ाकू विमानों को उड़ाने का भी प्रशिक्षण लेंगी

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