उपलब्धि: विश्वनाथ देवांगन “मुस्कुराता बस्तर” को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा…यह मानद उपाधि उनके वृहद सेवा,साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा

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छत्तीसगढ़ बस्तर की सांस्कृतिक एवं शिल्प नगरी के रूप में पूरे विश्व में विख्यात कोंडागांव से महज 4 किमी दूर भीरागांव (ब) के युवा लेखक विश्वनाथ देवांगन “मुस्कुराता बस्तर” को देश की राजधानी में मैजिक एंड आर्ट यूनिवर्सिटी एवं भारत सरकार से मान्यता प्राप्त आईएसओ प्रमाणित मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा उनके उत्कृष्ट लेखन व बहुआयामी सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। आगामी 7 अप्रैल को राजधानी नई दिल्ली के एनसीआर फरीदाबाद में आयोजित गरिमामयी कार्यक्रम में विशिष्टजनों की उपस्थिति में उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया जाएगा। साथ ही उनके लेखन व सामाजिक सेवाओं के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए अभिनंदन करते हुए मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज किया जाएगा।

गौरतलब है कि इस युवा साहित्यकार विश्वनाथ देवांगन “मुस्कुराता बस्तर” के शोधपत्र,शोध आलेख,अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय,सेमिनारों में वाचन होने के साथ ही प्रकाशित भी हो चुके हैं। इनकी हल्बी कविताओं का हिन्दी रूपांतरण अमेरिका मारिशस आस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों की हिन्दी भाषी पत्र पत्रिकाओं में भी प्रकाशित होते रहते हैं। कई अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से नवाजे जा चुके हैं। ग्रामीण जीवन शैली के मार्गदर्शन के लिए एमबीए के छत्तीसगढ़ के बाहर के नामी यूनिवर्सिटी से भी छात्र/छात्रा आकर प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन ले चुके हैं। साथ ही ये ग्रामीण जनजातीय समाज व बस्तर क्षेत्र में सेवा में सहभागिता विगत सत्र 2002-03 से कार्य करते आ रहे हैं। सरल सहज एवं रूचिपूर्ण यथाशक्ति सेवा जिसमें बच्चों को स्वयं निशुल्क कोचिंग देना,पढा़ई के लिए स्वयं/दान लेकर सहयोग करना,बीमारी से पीड़ीतों की स्वयं/दानदाताओं के माध्यम से आर्थिक मदद,ग्रामीण बच्चों के बौद्धिक स्तर बढ़ाने के लिए सत्र,रक्तदान,अन्य रचनात्मक व नवाचार के कार्य करते हुए सेवा के नये मानदंडों को प्रतिस्थापित करते हुये समाज में उत्कृष्टता के नये आयाम स्थापित कर मिशाल कायम किए। मिशन प्रणय को समूचा प्रदेश अभी भी भूला नहीं है। साथ ही बस्तर क्षेत्र के कलमकारों को मंच प्रदान करते हुए लेखन के लिए प्रोत्साहित करना,नये कलाकारों को मंच देना,आधा दर्जन से अधिक फिल्मों में अभिनय के साथ ही गीत लिखना,स्क्रिप्ट लेखन फिल्म,संगीत,पर्यटन,लोक साहित्य एवं लोकभाषा लोककलाओं का संरक्षण की दिशा में रत एवं नशामुक्ति,नारी सशक्तिकरण के लिए टीम सुई धागा की परिकल्पना जैसे अनेक सेवाभावी कार्यों मे उनकी सक्रियता अनुकरणीय है। यह मानद उपाधि उनके वृहद सेवा क्षेत्र में किये जा रहे विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा।

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