बरसात में तापमान में उतार-चढ़ाव से अक्सर आंख से जुड़ी बीमारी कंजंक्टिवाइटिस की समस्या काफी बढ़ जाती है…कंजंक्टिवाइटिस से बचाव के लिए क्या करें

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लाल आंखों पर काला चश्मा,ये कोई लुक बदलने का फैशन नहीं बल्कि बरसात में आंखों में इंफेक्शन से जूझ रहे लोगों की तस्वीर है. बरसात में तापमान में उतार-चढ़ाव से अक्सर आंख से जुड़ी बीमारी कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) की समस्या काफी बढ़ जाती है। रायपुर दुर्ग राजनांदगांव समेत छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में हर दिन आई फ्लू के मरीज बढ़ गए हैं. इसमें आंख धीरे- धीरे लाल होने लगती है और इंफेक्शन की तरह-तरह धीरे-धीरे फैलने लगता है. इसे ही कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है. केवल बच्चे ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं.

क्या है कंजक्टिवाइटिस-
कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis),या पिंक आई उस पारदर्शी झिल्ली की सूजन है जो आंखों की पलक (eyelid) और आईबॉल (eyeball) को रेखाबद्ध करती है. इस झिल्ली को कंजंक्टिवा (conjunctiva) कहा जाता है. जब कंजंक्टिवा में छोटी रक्त वाहिकाएं सूज जाती हैं और उनमें जलन होने लगती है, तो वे अधिक दिखाई देने लगती हैं. यही कारण है कि आंखों का सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखाई देने लगता है.जिसे कंजंक्टिवाइटिस कहा जाता है.आँख का गुलाबी होना अधिकतर वायरल संक्रमण के कारण होता है.यह जीवाणु संक्रमण,एलर्जी प्रतिक्रिया या शिशुओं अपूर्ण रूप से खुली हुई आंसू वाहिनी ( tear duct) के कारण भी हो सकता है.

आई फ्लू में आंखों में दर्द और जलन होती है इसलिए हल्की गर्म सिकाई से आपको राहत मिल सकती है. इसके लिए एक कपड़े को गर्म पानी में भिगोकर हल्के हाथों से आंख पर लगाएं. इसमें यह ध्यान रखें कि कपड़ा साफ हो और पानी ज्यादा गर्म ना हो.ठंडे पानी की सिकाई से भी आंखों को राहत मिलती है.

कंजंक्टिवाइटिस के क्या हैं लक्षण
आंखों में किरकिरापन महसूस होना.
कंजंक्टिवाइटिस होने पर आंखों का रंग गुलाबी हो जाता है..
सफेद चिपचिपा पदार्थ आंखों से निकलना.
सामान्य से ज्यादा आंसू आना.
यह इंफेक्शन होते ही आंखों में सनसनी महसूस हो सकती है, साथ ही खुजली की समस्या भी होती है.
आंखों से पानी निकलता रहता है.
आंखों में जलन होने लगती है.
आंखों से स्राव रात के दौरान एक पपड़ी बना देता है जिससे सुबह आपकी आंख खोलने में परेशानी होती है.
प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता महसूस होती है जिसे फोटोफोबिया कहा जाता है.

आंखों की कुछ गंभीर स्थितियां भी होती हैं जो आंखों की लाली का कारण बन सकती है. ऐसा महसूस हो सकता है कि आपकी आंख में कुछ फंस गया है, धुंधली दृष्टि और प्रकाश संवेदनशीलता महसूस करें तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें.

कंजंक्टिवाइटिस से बचाव के लिए क्या करें
गंदे हाथों से कंजंक्टिवाइटिस फैलने का खतरा रहता है इसलिए हाथों की सफाई का खास ख्याल करें..
कंजंक्टिवाइटिस होने पर बार-बार आंखों को ना छुएं. इंफेक्शन होने पर कॉन्टैक्ट लेंस पहनना बंद कर देना चाहिए.
किसी भी कपड़े से आंख को ना धोएं.
आंखों और उसके आसपास सफाई रखें.
आंखों के मेकअप और अपने तौलिए किसी के साथ साझा ना करें.
बरसात में हमेशा साफ कपड़े ही पहनें.
खराब ब्यूटी प्रोडक्ट ना यूज करें.
कंजंक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है, इसलिए आई फ्लू होने पर किसी के करीब जाने से बचें.
कंजंक्टिवाइटिस पूरी तरह ठीक होने में 5 से 10 दिन का वक्त लग सकता है. इस दौरान कुछ उपायों को अपनाकर आप राहत पा सकते हैं.

कंजंक्टिवाइटिस से राहत के उपाय
हर कुछ अंतराल पर आंखों को ठंडे पानी से धोते रहें.
आंखों को गुलाब जल से धोने से इंफेक्शन कम होता है
डॉक्टर की बताई दवाएं नियमित तौर पर लें.
इंफेक्शन होने पर जरूरत ना हो तो घर के बाहर ना निकलें..
आंखों की कुछ गंभीर स्थितियां भी होती हैं जो आंखों की लाली का कारण बन सकती है. ऐसा महसूस हो सकता है कि आपकी आंख में कुछ फंस गया है, धुंधली दृष्टि और प्रकाश संवेदनशीलता महसूस करें तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें.

कुछ घरेलू उपायों को अजमाकर आई फ्लू में पा सकते हैं आराम
आई फ्लू में संक्रमण में आंखें लाल हो जाती है, यह संक्रमण कम से कम एक हफ्ते तक तकलीफ देता है. कुछ घरेलू उपायों को अपनाकर आप राहत पा सकते है. यह संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है. मरीज के किसी के संपर्क में आने से भी यह फैल सकता है. इसलिए डॉक्टर द्वारा परामर्श में दी गई आई ड्राप और दवाओं के साथ आप कुछ घरेलू उपायों अपना सकते हैं.सेलाइन वाटर आंखों को साफ करने में आई ड्रॉप्स की तरह काम करता है. इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं और यही वजह है कि यह आई फ्लू जैसे आंखों के इन्फेक्शन के लिए बढ़िया इलाज है. यह आप दवा दुकान से ले सकते हैं.

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