कमलेश यादव:आंखों में देशभक्ति का जुनून,देश के लिए मर मिटने का जज्बा लिए शहीद आरक्षक धनेश्वर यादव माओवादियों से लड़ते हुए अदम्य साहस और शौर्य का प्रदर्शन किया।22.10.2010 का वो दिन जब मानपुर थाने में नक्सलियों की सूचना मिली।राजनांदगांव से पुलिस पार्टी थाना प्रभारी मानपुर के नेतृत्व में ग्राम बुकमरका से सम्बलपुर की ओर सर्चिंग के लिए रवाना हुई थी।23 तारीख को बुकमरका और सम्बलपुर के बीच पुलिस पार्टी एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई।जिला बल राजनांदगांव के आरक्षक धनेश्वर यादव शहीद हो गए।शहीद आरक्षक धनेश्वर यादव को मरणोपरांत पुलिस वीरता पदक से अलंकृत किया गया।
छोटे से गांव खपरीकला का वह नायक आज भी सभी के दिलों में बसता है।पिताजी गोकुल राम यादव सत्यदर्शन लाइव को बताते है”छात्र जीवन से ही धनेश्वर खेलकूद में आगे रहा है,बचपन से ही वर्दी पहनने का सपना था मेरा बेटा देश के लिए शहीद हुआ है मुझे गर्व है कि शहीद धनेश्वर के पिता के रूप में सभी पुकारते है।
देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा लिए ये जवान चाहते तो इनके पास जीवकोपार्जन के लिए बहुत सारे माध्यम हैं।पर माँ भारती के सेवा में चुने जाने का सौभाग्य बहुत ही कम लोगो को मिलता हैं।भारतीय सीमा के साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा भी हमेशा से कड़ी चुनौती रहा हैं।
शहीद धनेश्वर गांव के सभी लोगों खासकर किसान व खेतिहर मजदूरों के परिवारों को यह संदेश देने में कामयाब रहे कि छोटे से गांव में रहने वाले लोग भी बड़े सपने देख सकते हैं और उनको अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति व मेहनत के बलबूते पूरा कर सकते हैं।उन्हें तो जीवन पथ पर अभी बहुत दूर तलक जाकर दुनिया के पटल पर छा जाना था,नियति ने उन्हें देश सेवा के किसी खास मिशन को पूरा करने के लिए ही बनाया था।