बच्चों की अद्वितीय क्षमताओं को पहचानें: क्या है IQ टेस्ट और उसका महत्व…हर बच्चे के लिए जरूरी क्यों?…सीआरसी का नैदानिक मनोविज्ञान विभाग बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है

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कमलेश यादव : बच्चे ईश्वर का अनमोल उपहार हैं, जिनकी हर मुस्कान में भविष्य की संभावनाएं छिपी होती हैं। हर बच्चा अद्वितीय है और उसे उड़ान भरने का अधिकार है। ठाकुरटोला राजनांदगांव में स्थित सीआरसी सेंटर, का नैदानिक मनोविज्ञान विभाग सिर्फ दिव्यांगजनों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य हर बच्चे के बेहतर भविष्य की नींव रखना है। यहां उपलब्ध आईक्यू (IQ) टेस्ट न केवल मानसिक विकास को समझने में सहायक है, बल्कि बच्चों की छिपी हुई क्षमताओं को पहचानने और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करने का सशक्त माध्यम भी है।

क्या है IQ टेस्ट और उसका महत्व
विभागाध्यक्ष प्रशांत मेश्राम जी ने बताया कि बच्चों के मानसिक और बौद्धिक विकास का मूल्यांकन समय पर किया जाना अत्यंत आवश्यक है। IQ टेस्ट के माध्यम से बच्चे की तार्किक, संज्ञानात्मक और समस्या-समाधान क्षमता का विश्लेषण किया जा सकता है। यह परीक्षण यह समझने में मदद करता है कि बच्चे को किस क्षेत्र में अधिक रुचि है और वह किन विषयों में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।

हर बच्चे के लिए जरूरी क्यों?
आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में केवल औपचारिक शिक्षा काफी नहीं है। बच्चों की बौद्धिक क्षमताओं को समय रहते पहचानकर उनकी रुचि और क्षमताओं के अनुसार सही दिशा में प्रोत्साहन देना आवश्यक है।”वास्तविक आयु व्यक्ति के जन्म से अब तक के वर्षों को दर्शाती है, जबकि मानसिक आयु उसकी बौद्धिक क्षमता और समझ के स्तर को परिभाषित करती है। दोनों के बीच सामंजस्य व्यक्ति के व्यक्तित्व और क्षमता के सही आकलन में मदद करता है।”

सेंटर की उपलब्धि
सीआरसी सेंटर में 3 से 21 वर्ष की आयु के 500 बच्चों के आईक्यू टेस्ट किए गए हैं। इनमें छोटे बच्चों की आकृतियों और रंगों को पहचानने की क्षमता जैसे तकनीकी विषय शामिल हैं। यहां सभी परीक्षण अत्याधुनिक और प्रमाणित हैं साथ ही आत्मविश्वास और स्वावलंबन को बढ़ाने में सहायक है। यहां हर उम्र के लोगों के लिए आईक्यू टेस्ट भी उपलब्ध हैं।

बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव
आईक्यू परीक्षण बच्चों में छिपी क्षमताओं को उजागर करने का एक माध्यम है। सीआरसी का नैदानिक मनोविज्ञान विभाग इस दिशा में एक नई क्रांति ला रहा है। यह टेस्ट सभी बच्चों के लिए अनिवार्य हो और इसके महत्व को हर माता-पिता समझें, तभी हमारा समाज सही मायनों में तरक्की कर पाएगा। यह हर अभिभावक की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को इस परीक्षण के लिए प्रेरित करें, ताकि उनका भविष्य न केवल उज्ज्वल हो, बल्कि आत्मविश्वास से भरपूर भी बने।

संपर्क :
दिव्यांगजन कौशल विकास पुनर्वास एवं सशक्तिकरण समेकित क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी)
गांव ठाकुरटोला, राष्ट्रीय राजमार्ग 53
राजनांदगांव, पिन कोड 491 441,
छत्तीसगढ़,
फोन: 07744 299927
ईमेल: crc.rjn2016@gmail.com

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