कमलेश यादव : एक कलाकार में सृजन की अद्भुत क्षमता होती है। छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी राजनांदगांव से 10 किलोमीटर दूर स्थित रामपुर गांव कला के प्रति समर्पित एक शख्सियत के लिए मशहूर है। इस छोटे से गांव में शिल्पकार मनोज कुमार सोनी रहते हैं, जिनका काम छेनी और हथौड़े की मदद से पत्थरों को नया आकार देना है। यह एक ऐसी अभिव्यक्ति है जो हमारे दिलों को छूती है और हमारे सपनों को सजीव बनाती है।
गौरतलब है कि मनोज की कला सिर्फ मूर्तियां बनाने तक सीमित नहीं है। उनका मानना है कि पत्थर में पहले से ही मूर्ति मौजूद होती है, बस उसे सही दिशा देकर बाहर लाने की जरूरत होती है। उनकी यही सोच हमें जीवन में आने वाली हर मुश्किल को एक अवसर के रूप में देखने के लिए प्रेरित करती है। आज उनके हाथों से बनी मूर्तियां आसपास के जिलों और राज्यों तक पहुंच रही हैं।
गांव के लोगों का कहना है कि मनोज ने रामपुर की पहचान बदल दी है। जहां पहले यह एक साधारण गांव था, वहीं अब यह कला का एक केंद्र बन गया है। उन्होंने साबित कर दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद अगर हिम्मत और मेहनत हो, तो कुछ भी असंभव नहीं। साधारण औजारों से भी असाधारण कार्य किए जा सकते हैं। सफलता के लिए बड़ा साधन नहीं, बल्कि बड़ा जज़्बा चाहिए। उनकी कला पत्थर से निकलकर हमारे जीवन को नई प्रेरणा देती है।
शिल्पकार मनोज सोनी कहते हैं कि एक कलाकार की कला एक प्रेरणा है जो हमें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है।यह जीवन को एक नया अर्थ प्रदान करती है और आस-पास की दुनिया को एक नया रूप देने के लिए प्रोत्साहित करती है।कला एक ऐसी भाषा है जो शब्दों से परे है।