जज्बे को सलाम…बचपन में हुआ था पोलियो, कठिन मेहनत से पैरालंपिक में जीते ब्रॉन्ज मेडल, फिर मिला अर्जुन पुरस्कार

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वरुण सिंह भाटी छोटी उम्र में ही पोलियो से ग्रसित हो गए थे. लेकिन, इस हाई जंपर की उर्जा को कुछ नहीं रोक पाया. 25 साल के इस खिलाड़ी ने हाल ही में कहा कि वह साल 2016 में बिल्कुल संयमित थे और पैरालंपिक के दौरान किसी तरह के तनाव में नहीं थे.

पैरालंपिक गेम्स में हाई जंप T-42 इवेंट में कांस्य पदक अपने नाम कमाया था. वह बेंगलुरू के भारतीय खेल प्रधिकरण केंद्र में प्रशिक्षण हासिल करने वाले भाटी स्कूल के दिनों से ही अच्छे एथलीट के रूप में जाने जाते थे. उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया है.

यूपी के ग्रेटर नोएडा में साल 1995 में जन्म वरुण ने अपने करियर की शुरुआत बास्केटबॉल की तरह की थी. लेकिन, इसके बाद हाईजंप में उन्होंने इसे अपनी जीवन का हिस्सा बान लिया था. उन्होंने साल 2012 में 1.60 मीटर के साथ 2012 लंदन पैरालंपिक्स के लिए ‘A’ क्वालिफिकेशन मार्क हासिल किया.

इसके बाद साल 2014 में चीन ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. इसके बाद साल 2016 में रियो पैरालंपिक खेलों में पुरुषों की हाई जंब की T-42 स्पर्धा 1.86 मीटर जंप के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता था.साल 2017 में लंदन में हुए वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप T-42 हाई जंप इवेंट में 1.77 मीटर जंप के साख ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया.

मीडिया से बात करते हुए वह कहते हैं, मेरा सपना था पैरालंपिक खेलना. मैं अपनी पूरी जिंदगी इसी ट्रैक पर चलते हुए यहां तक पहुंचा हूं. ये सब बातें The Finish Line के छठवें एपिसोड में सौरभा घोषाल से बात करते हुए कही है.

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