*मैं मिथक तोड़ना चाहता था कि बस्तर में सिर्फ बारूद की गंध नहीं,बल्कि बेहतर काम भी होते हैं:नीलकंठ टेकाम* *कलेक्टर सर..ये कारवां अब बढ़ता जायेगा….नव पथ गढ़ता जायेगा,हम आपको भूल नहीं पायेंगे,आप हमें बहुत याद आयेंगे…….: मुस्कुराता बस्तर*

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जब चिड़िया चहक रही थी,
तब वीरानों में विदाई सभा में,
पहली बार,,,,,
चेहरों पर सिसकियां भी,
देखने को मिला |
पावड़ा का पवित्र ग्राम,
और शिव के धाम के किनारे,
जब नीलकंठ पुकारे,
तब हर कोई चेहेते को देखकर,
पुलकित हर्षित था,
यह पहली दफा था,
जो इस तरह किसी कलेक्टर का,
विदाई किसी माटी पुत्र की तरह,
हजारी फूल की मालओं से,
लादकर स्वागत और विदाई के,
गमगीन माहौल में चेहरों में,
चमक नजर आयीं |

ग्राम पंचायत सचिव संघ जिला कोंडागांव द्वारा बस्तर के कोंडागांव जैसे चुनौतीपूर्ण जिला कहा जाय तो कोई अतिश्योक्ति नहीं,जहां का सामाजिक,भौगोलिक,राजनीतिक परिदृश्य कुछ और ही कहता है,वहां पर बेहतरीन काम करने वाले हरदिल के चहेते बस्तर माटी के लाडले सपूत कोंडागांव के स्थानांतरित कलेक्टर की विदाई के वक्त ग्राम पंचायत सचिवों के आखों में आसूं छलक पड़े,कई अरसों बाद बस्तर के कोंडागांव ने ऐसा कलेक्टर देखा,कि ऐसा भी कोई कलेक्टर होता है,गांव गरीब और जल जंगल जमीन से सरोकार रखने वाले इस दुलरवा के कार्यों को याद करते हुए सचिव संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश सहसचिव और अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त चर्चित खोजी लेखक विश्वनाथ देवांगन उर्फ मुस्कुराता बस्तर ने कई संस्मरण सुनाये उन्होंने याद करते हुए बताया कि कैसे एक कलेक्टर के दो शब्द सुनकर काम करने लिये नई उर्जा मिलती थी |

अपनी चिरपरिचित अंदाज में कलेक्टर श्री नीलकंठ टेकाम ने कहा कि कलेक्टर कोई व्यक्ति नहीं,शक्ति है | मैंने इस मिथक को तोड़ने की कोशिश की कि- बस्तर में सिर्फ बारूद की गंध नहीं बल्कि यहां बेहतर काम भी होते हैं,उन्होंने ग्राम पंचायत सचिवों को काम के बेहतर संपादन के लिये बधाई दिया और आगे कहा कि आप एक सचिव से पहले जिम्मेदार नागरिक हो आप पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है | श्री टेकाम ने आगे कहा कि बस्तर अब सबकुछ जानने लगा है,अब वो हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है,कोंडागांव जिले का नावा बेस्ट नार्र,सड़कों का जाल,महिलाओं का सशक्तिकरण के कार्य,पर्यटन को बढ़ावा आदि कई ऐसे कार्य हुए जिनकी वर्षों से दरकार थी,आज पूरे मन से मैं कह सकता हूं कि यहां रहने वाला यहां का मूल निवासी चाहे वो किसी भी जाति का हो यहां रचा बसा है यहां का हो गया है

हम बस्तरवासियों को अब यहां की मिट्टी और संस्कृति का कर्ज चुकाना है,हमें सजग होकर बस्तर का विकास की ओर दौड़ना होगा,आज समय की जरूरत है तकनीकी के इस्तेमाल के साथ शिक्षा के उच्च मापदंडों को जीवन शैली के साथ जोड़ने की |सचिवों द्वारा कलेक्टर श्री नीलकंठ टेकाम को बस्तर दशहरा और मुरिया दरबार आधारित शिल्प चित्र स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया | इसी अवसर पर,कलेक्टर श्री नीलकंठ टेकाम को चर्चित साहित्यकार श्री विश्वनाथ देवांगन ने अपनी दो किताबें,हिन्दी कविता संग्रह-‘काश!मैं कवि होता,और हल्बी कविता संग्रह-‘ककसाड़…आमचो मया परब,सप्रेम भेंट किया | ग्राम पंचायत सचिव संघ के जिला अध्यक्ष मे अपने वक्तव्य में कलेक्टर श्री नीलकंठ टेकाम को कार्यक्रम में आने व मान बढ़ाने पर आभार जताया साथ ही,युवा सचिव साथी श्री विश्वनाथ देवांगन के साहित्यिक योगदानों के विषय में भी सभा को अवगत कराते हुए कहा कि- बस्तर को नए सिरे से परिभाषित करने के प्रयास,लोक भाषा को नए आयाम देने,रचनाकारों को संगठित करने,रामचरित मानस के साथ ही भारतीयता व सनातन संस्कृति के महत्व को बतलाया नव पीढ़ी जागरूक करने,अपने पेशे को भी संजीदगी से निभाने, प्रदेश स्तर पर जिम्मेदारी लेने,इसका असर साहित्य पर पड़ा किन्तु दोनों में सामंजस्य बिठाया।

साहित्य जगत में सबके चहेते बने।विभिन्न पुरस्कार से सम्मानित हुये |अंतरराष्ट्रीय मंच पर व्याख्यान देकर बस्तर व छत्तीसगढ़ का गौरव बढ़ाया। अखबार, पत्रिका, दूरदर्शन, आकाशवाणी, फ़िल्म, सोशल मीडिया व इनके अलावा भी कई माध्यम से अपने यश का पताका लहराया। लोक भाषा के सफल गीतकार बने।जिसे गाकर गायकों को भी प्रसिद्धि मिली।साथ ही जनमानस को सुंदर गीत संगीत मिला। वे तस्वीर जिसमे आप मिस इंडिया-2 व पर्वतारोही के साथ हैं। यह कई अन्य लोगों को प्रेरित करता है कि कलम से व्यक्तित्व में निखार आता है। हर विधा के लोग प्रशंसा करते हैं |स्वयं से होकर व्हाट्सएप समूह,टेलीग्राम समूह इत्यादि का सन्चालन किया जिसमें देश, विदेश के लोग आपके साथ हैं |

बस्तर अंचल के नवोदित रचनाकारों को रचना में निखार लाने हेतु सृजन व समीक्षा के साथ अभिनव प्रयास हेतु नया समूह बनाया। गुण्डाधुर महाविद्यालय में समय समय पर विद्वानों के साथ नवीन विषयों हेतु योगदान| विभिन्न विश्वविद्यालयों के शोध छात्र समूह (शोध दल) को दिशा निर्देश किया | कई राज्यों में विशेष पहचान,जहाँ गए वहाँ बस्तर का मान बढ़ाया कि बस्तर में केवल बारूद की गंध नहीं अपितु साहित्य की महक भी है।इसलिए बस्तर मुस्कुराता भी है। विभिन्न भाषाओं पर विशेष पकड़ के साथ आंग्ल भाषा का भी ज्ञान |कई विधा से जुड़े उभरते कलाकारों के उत्साह हेतु समय समय पर साक्षात्कार की शृंखला का प्रारंभ। कोण्डागाँव व इर्द गिर्द मनोरम स्थानों पर कवरैज जिससे आपके भीतर का पत्रकार देख पत्रकार भी मुरीद हुए।

कई सामाजिक कार्य में योगदान । जिसमे रक्त दान विशेष रूप से जीवन बचा रहा है।असीम दुआएँ मिल रही है। जब भी कुछ नया राष्ट्रीय, प्रांतीय विपदा रही है मुखर रूप से हर पहलू पर वक्तव्य दिया। अब सम्पादक की महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रहे हैं। लीडरशिप का अद्वितीय गुण है।जो हर वर्ग को साथ लेकर चलता है। मंचीय प्रस्तुतियां लाजवाब रही हैं।( व्यक्तिगत रूप से न सही पर मिलती हुई प्रशंसा से ऐसा कह सकता हूँ।) और मुझे स्वयं नहीं पता कि कितनी विधा कितने आयाम छू गए आप। बस जितना ज्ञात है उतना व्यक्त किया। और इसलिये यहां उल्लेखित किया कि यह हमारा सचिव साथी है और हमें गर्व है | सबसे खास बात आज इनका जन्मदिवस है | सच कहूँ तो आपकी विद्वता से बहुत से लोगों के मन में रचनाकार ने जन्म लिया। जन्मदिवस पर उन्हें बधाई | मोहन भारद्वाज के साथ ही सभी जनपदों से कई साथियों ने संबोधित किया व मुख्य रूप से जनपद पंचायत फरसगांव के स्टाफ के साथ ही पूरे जिले के सचिव गण उपस्थित रहे | यह पहली बार है कि किसी कलेक्टर की विदाई समारोह ग्राम पंचायत सचिवों ने किया | अंत में विदाई गीत…श्रवण यादव ने गाकर सबको भाव विभोर कर दिया |

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