पद्मश्री फूलबासन बाई के आह्वान पर दो मुट्ठी चावल,दो मुट्ठी दाल और ₹2 के साथ एक पुरानी साड़ी के माध्यम से विशालकाय महिला सम्मेलन….गुलाबीमय हुआ पूरा वातावरण

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कमलेश यादव:मन मे कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो व्यक्ति किसी भी मंजिल पर पहुंच सकता है।कोई भी पड़ाव उसके लिए कठिन नही होता बल्कि उसके खुद के ही कार्य मंजिल तक पहुंचने के लिए प्रेरित करते रहते है।आज हम आपको लेकर जाएंगे छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के विशाल महिला सम्मेलन में पद्मश्री फूलबासन बाई के आह्वान पर हजारों की संख्या में महिलाओं ने अपनी उपस्तिथि दर्ज की है।सम्मेलन की खासियत यह थी दो मुट्ठी चावल, दो मुट्ठी दाल और ₹2 के साथ पुरानी साड़ी के पंडाल से यह कार्यक्रम आयोजित की गई थी।गुलाबी रंग के वस्त्र पहने महिलाएं एक लक्ष्य एक उददेश्य की प्रतीक बन गई है।

पद्मश्री फुलबासन यादव ने महिला शक्ति को जगाते हुए कहा है कि परिस्थितियां कितनी भी कठिन हो दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प से जो चाहे हासिल किया जा सकता है।मेरे पास इस चीज की कमी है मैं ये नही कर सकती जैसे वाक्य को अपनी जिंदगी से निकालकर आगे बढ़े।फर्क नही पड़ता आपकी पढ़ाई कितनी है।ईश्वर ने हमे विलक्षण बुद्धि देकर इस दुनिया मे भेजा है।अभाव में भी प्रभाव की रास्ता तलाशे।मैंने अपने जीवन मे बकरी चराकर अपने कार्यो के प्रति समर्पित होकर आगे बढ़ी हु।जब मैं कर सकती हूं तो आप सभी क्यो नही।आपके अंदर छिपी हुई उस दिव्य शक्ति का मैं आह्वान करती हूं।

गरियाबंद जिले के पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल माथुर ने महिलाओं का हौसला बढ़ाया. उन्हें घर के अलावा अन्य कई तरह के कामों के लिए प्रेरित किया. साथ ही उन्होंने कहा कि आधी आबादी जब स्वरोजगार से जुड़ेगी तब गांव और प्रदेश उन्नति करेगा उन्होंने महिलाओं को किसी भी तरह के उत्पीड़न या घरेलू हिंसा से ना डरते हुए आगे बढ़ने की सलाह दी।

गांधी मैदान में विशाल महिला सशक्तिकरण सम्मेलन 2021 का आयोजन रविवार को किया गया. सशक्तिकरण के साथ समृद्धि व सुरक्षा के लिए सशक्त मंच मिले तो जिलेभर से 20 हजार से भी ज्यादा महिलाओं ने गुलाबी रंग के वस्त्र में पहुंचकर एकजुटता की झलक दिखाई.यह कार्यक्रम अपने आप में अनोखा है.यहां आई भीड़ यह दर्शाती है कि अब महिलाएं घर की चारदीवारी में कैद नहीं रहने वाली है।

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