जल योद्धा की प्रेरणादायी कहानी…पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में 20 साल से सक्रिय हैं…इन्हें कई लोग ग्रीन कमांडों के नाम से भी जानते है…जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार ने भी की तारीफ…छत्तीसगढ़ को ही नहीं समस्त देशवासियों को जल योद्धा पर गर्व…

कमलेश यादव:जीवन के लिए पंचतत्वों को आधार माना गया है।उनमें से  एक तत्व पानी भी है।जल के बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती।अगर जल नही होता तो सृष्टि का निर्माण भी सम्भव नही होता।जल का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि,दुनिया की बड़ी-बड़ी सभ्यताएं नदियों के किनारे ही विकसित हुई और प्राचीन नगर नदियों के तट पर ही बसे है।आज हम बात करेंगे ऐसे शख्स के विषय मे जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जल संरक्षण और पर्यावरण को समर्पित कर दिया है।वीरेन्द्र सिंह छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के दल्लीराजहरा के रहने वाले हैं और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में 20 साल से सक्रिय हैं।इन्हें कई लोग ग्रीन कमांडों ‘के नाम से भी जानते है।

अतीत की यादे हमेशा रोमांचित करती है बचपन की वो भाग दौड़ और पिताजी स्व.जगदीश सिंह जी ने हमेशा से ही एक नेक इंसान बनने की अनुशासनात्मक शिक्षा दी है। मां श्रीमती मीना सिंह ने जैसे मुझे मेरे होने का अहसास कराया है,कि प्रकृति से कैसे प्यार किया जाता है।माँ के रूप में ही प्रकृति को देखता हूं।1998 में अपने मोहल्ले में पीपल के पौधा लगाया था जो वर्तमान में वह पौधा एक विशाल वृक्ष बन गया है।जल की बूंदे,पहाड़,पेड़ पौधो से जैसे मेरा कई जन्मों का नाता है।

विकास की अंधी दौड़ में प्राकृतिक संसाधनों का कोई मोल नही रह गया है।विलासिता की आड़ में मनुष्य ने जल का इतना दोहन कर लिया है,कि आज दुनिया की आधी आबादी को पीने का स्वच्छ पानी तक मुहैया नही है।बालोद जिले में इनकी जल स्त्रोतों की सफाई तथा संरक्षण की मुहिम कई वर्ष पहले से ही चल रही है । 13 वर्ष पूर्व इन्होंने जन सहयोग द्वारा दल्ली राजहरा के कोंडे में एक कुंड की सफाई कराई थी तथा यहाँ प्रशासन द्वारा घाट भी बनवाया गया।आज इस कुंड का लुत्फ अनेकों लोग उठा रहे हैं।इन्होंने राजहरा में ही नाले की सफाई करवाई जिसमें अब हमेशा जल की अविरल धारा बहती है।इन दिनों वीरेंद्र बालोद और कांकेर में तालाबों तथा कुओं के संरक्षण के लिए जब सहयोग के माध्यम से प्रयास कर रहे हैं।

पर्यावरण के प्रति जागरुकता
वीरेन्द्र सिंह एक स्कूल में शिक्षक के पद पर सेवारत थे परन्तु इन दिनों एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे हैं । इनका उद्देश्य आम लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरुकता पैदा करना है ताकि वे लोग भी पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझकर उनका निर्वहन कर सकें । वीरेन्द्र ने स्कूल की नौकरी के दौरान ही अपनी पर्यावरण संरक्षण की यात्रा का शुभारम्भ किया था। इन्होंने शुरुआती दिनों में स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण जैसे अनेकों क्षेत्रों में काम किया।धीरे-धीरे इनका यह अभियान बहुआयामी बनता गया और इसमें जल संरक्षण,वन्य प्राणी संरक्षण , पॉलिथीन मुक्ति,यहाँ तक कि साक्षरता,महिला सशक्तिकरण इत्यादि जैसे सामाजिक मुद्दे भी शामिल हो गए।

अनोखी पहल
पिछले वर्ष इन्होंने ग्राम वाईनर में एक विवाह के दौरान लोगों को किस तरह जल संरक्षण की प्रेरणा दी इसकी कहानी बहुत दिलचस्प है।इस विवाह में मंडप को जल संरक्षण के पोस्टर और बैनर से सजाया गया था तथा यहाँ दूल्हा-दुल्हन के साथ शादी में आए सभी अतिथियों ने भी जल संरक्षण हेतु शपथ ली।यह लोगों को जागरुक करने का सरल व भिन्न तरीका है।अभी तक के अपने 20 वर्षों के सफ़र में वीरेन्द्र ने छत्तीसगढ़ के जिलों मे जन सहयोग द्वारा 35 तालाब , 2 कुंड ,1 नदी ( तंदला नदी ) और कई नालों की सफाई करवाई है और यह सफर अभी भी जारी है । केवल बालोद या छत्तीसगढ़ को ही नहीं समस्त देशवासियों को जल योद्धा वीरेन्द्र सिंह पर गर्व करना चाहिए

जीवनदायिनी नदी तांदुला
वीरेंद्र अनेकों ग्राम पंचायतों में भी प्रदर्शनियों द्वारा लोगों को जागरुक करने का कार्य कर चुके हैं।इन्होने बच्चों को प्रेरित करने हेतु कई रैली का भी आयोजन किया है। जागरुकता फैलाने के अतिरिक्त इन्होंने खुद कई प्राकृतिक जल स्त्रोतों खासकर तालाबों व नालों की सफाई का कार्य किया है।इनके द्वारा शहर की जीवनदायिनी नदी तांदुला में चलाया गया स्वच्छता अभियान उल्लेखनीय है।इनका यह संकल्प अब जीवनदायिनी तांदुला को नवजीवन दे रहा है।

जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार
हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय के आधिकारिक फेसबुक पेज पर इनके प्रयासों की सराहना की गई है।जल शक्ति मंत्रालय लगातार अपने प्रयासों द्वारा लोगों को जल संरक्षण हेतु प्रेरित करता रहा है और इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की प्रशंसा भी करता रहा है।जल योद्धा के नाम से पूरे भारत के युवाओं लिए प्रेरणास्रोत बन गए है।

सम्मान
इन्हें वर्ष 2011 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जल स्टार ‘ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।साथ ही महामहिम राज्यपाल श्री के.एम.सेठ जी द्वारा सन् 2005 में “तरूण भूषण“पुरस्कार दिया गया।छ.ग.नई दुनिया पर्यावरण संरक्षण के लिए सम्मानित किया गया। पर्यावरण संरक्षण के लिए कलेक्टर दुर्ग द्वारा सम्मानित। आईडिया द्वारा रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी इरफान पठान द्वारा सम्मानित।

जल एक ऐसी बुनियादी आवश्यकता है जिसके बिना इस धरती पर मनुष्य तो क्या पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के भी जीवित रहने की कल्पना नहीं की जा सकती है । यह माना जा रहा है कि आने वाले समय में भारत उन देशों में से एक होगा जो जल संकट की भीषण विपदा से जूझ रहे होंगे।जल योद्धा वीरेन्द्र सिंह के द्वारा किये हुए कार्य निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों का सही मार्ग प्रशस्त करेगी।सत्यदर्शनलाइव चैनल की पूरी टीम इनके प्रयासों की सराहना करता है तथा इसी प्रकार जल संरक्षित करते रहने के साथ साथ उज्जवल भविष्य की कामना करता है।

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