
एक ही इंसान पुलिस और डॉक्टर दोनों का फर्ज एक साथ निभा रहा है…अपने पुलिस कर्तव्यों से समय निकाल कर पीपीई किट,फेस शील्ड,स्टेथोस्कोप पहन कर रोगियों के उपचार हेतु अस्पताल में उपस्थित हो जाते हैं
इस कोरोना काल में पुलिस प्रशासन और डॉक्टरों सहित पूरे मेडिकल स्टाफ का काम सराहनीय है. एक तरफ जहां अस्पताल के अंदर डॉक्टर मरीजों को बचाने में लगे हैं वहीं पुलिस प्रशासन सड़कों पर खड़ी है यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी व्यक्ति बिना मतलब घर से ना निकले. लक्ष्य भले ही कोरोना से लड़ना हो लेकिन डॉक्टर और पुलिस के काम अलग अलग हैं लेकिन अगर हम इंदौर के एसपी सहाय की बात करें तो यहां एक ही इंसान पुलिस और डॉक्टर दोनों का फर्ज एकसाथ निभा रहा है.
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जी हां, मध्य प्रदेश, इंदौर के विशेष शाखा के एसपी राजेश सहाय इस कोरोना काल में पुलिस के साथ साथ डॉक्टर की ड्यूटी भी निभा रहे हैं. अपने पुलिस कर्तव्यों से समय निकाल कर राजेश सहाय प्रतिदिन सुबह शाम पुलिस लाइन स्थित अस्पताल पहुंच कर कोविड संक्रमित पुलिसकर्मियों और उनके बीमार परिजनों का इलाज करते हैं. राजेश सहाय इस लिए भी प्रशंसा के पात्र बने हुए हैं क्योंकि उनके लिए किसी भी बात से ज़्यादा जरूरी उनका कर्तव्य है. बता दें कि इन दिनों राजेश सहाय का 14 वर्षीय बेटा खुद कोरोना से जंग लड़ रहा है. अपने कोरोना संक्रमित बेटे के पास रुकने की बजाए एसपी सहाय अपने दोनों कर्तव्यों को निभाने में जुटे हुए हैं.
पुलिस में आने से पहले रहे हैं डॉक्टर
आपको बता दें कि एसपी सहाय पुलिस विभाग में आने से पहले एक डॉक्टर थे. इस संबंध में डीआइजी मनीष कपूरिया ने बताया कि एसपी सहाय ने एमबीबीएस और एमडी की डिग्री प्राप्त की है. पुलिस विभाग में भर्ती होने के पहले वे बड़े अस्पताल में आइसीयू प्रभारी थे. इस समय एसपी सहाय पुलिस लाइन स्थित कोविड-19 अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इस अस्पताल के प्रभारी मेडिकल ऑफिसर डा.दिनेश आचार्य हैं और एसपी सहाय यहां इनका सहयोग करते हैं. वह पीपीई किट, फेस शील्ड, स्टेथोस्कोप पहन कर सुबह 11 बजे रोगियों के उपचार हेतु अस्पताल में उपस्थित हो जाते हैं.
डा.आचार्य के मुताबिक एसपी सहाय बहुत अच्छे डॉक्टर हैं. उनके द्वारा की गई काउंसलिंग के बाद रोगी बेहतर महसूस करने लगते हैं.. एसपी सहाय ने अपने अनुभव से एक सिपाही के पिता की जान भी बचाई है. डीआरपी लाइन में तैनात सिपाही चंदन शर्मा अपने 58 वर्षीय पिता रमेश शर्मा को लेकर इलाज कराने अस्पताल पहुंचे. उनकी हालत लगातार बिगड़ रही थी. डा.आचार्य ने उन्हें जांच का सुझाव दिया. जब वह अस्पताल आए थे तब उनका आक्सीजन लेवल 95 था लेकिन एक घंटे के अंदर ही यह 85 पर पहुंच गया. इसके बाद डा.आचार्य और एसपी सहाय ने उनका उपचार शुरू किया और करीब एक घंटे बाद उनका आक्सीजन लेवल फिर से 95 तक पहुंच गया. स्थिति संभलने के बाद उन्हें दूसरे अस्पताल मे रेफर कर दिया गया.