गांव में स्वास्थ्य केंद्र की कमी देख 93 साल के बुजुर्ग ने 52 लाख खर्च करके बनवाया स्वास्थ्य केंद्र,बोला- सपना पूरा हुआ…

बुजुर्ग जिनके अनुभवों पर वर्तमान टिका हुआ है..क्योकि हमारे बुजुर्गों के दूरगामी सोच के वजह से ही विकास की गाड़ी आगे बढ़ती है.आज हम बात करेंगे ऐसे शख्स के बारे में जिसने साबित कर दिया कि नेकी के लिए उम्र का पड़ाव बाधा नही हो सकता।हरियाणा के जींद जिले के गांव निडानी के 93 साल के बुजुर्ग धनपत शास्त्री का सपना पूरा होने जा रहा है।अपनी जमीन पर खुद के 52 लाख रुपये से जिस उपस्वास्थ्य केंद्र का उन्होंने निर्माण करवाया था, उसके लिए तीन स्टाफ की मंजूरी मिल गई है।अस्पताल का भवन 21 दिसंबर 2019 को बनकर तैयार हो गया था, लेकिन पद स्वीकृत नहीं हुए थे।

धनपत शास्त्री को अपने गांव में स्वास्थ्य केंद्र की कमी बहुत खलती थी। मरीजों को 15 किलोमीटर दूर नागरिक अस्पताल जींद जाना पड़ता था या 20 किमी दूर जुलाना। जनवरी 2018 में धनपत शास्त्री ने स्वास्थ्य विभाग के पास अपने गांव में उपस्वास्थ्य केंद्र खोलने की बात रखी। उन्होंने कहा कि वह अपनी जमीन पर खुद के पैसे से अस्पताल बनवाएंगे

अगस्त 2018 में उन्हें उपस्वास्थ्य केंद्र खोलने की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई। इसके बाद धनपत ने जमीन स्वास्थ्य विभाग के नाम ट्रांसफर कर दी और अपनी मां प्रसन्नी देवी के नाम उपस्वास्थ्य केंद्र का निर्माण करवाया। भवन का निर्माण पूरा होने पर स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा,लेकिन स्टाफ नहीं मिला।सिविल सर्जन डॉ. जयभगवान जाटान ने बताया कि निडानी गांव में बनाए गए उपस्वास्थ्य केंद्र के लिए पद स्वीकृत हो चुके हैं, जैसे ही मुख्यालय से स्टाफ मिल जाएगा नियुक्ति कर दी जाएगी।

सपना हुआ पूरा
मैंने अपनी मां प्रसन्नी देवी के नाम से उपस्वास्थ्य केंद्र अपनी जमीन में अपने खर्च से बनाया है। इसके बावजूद छह महीने तक पद स्वीकृत नहीं होने से निराश था। अब पद स्वीकृत हुए हैं तो मेरा सपना पूरा हुआ है। उपस्वास्थ्य केंद्र की मंजूरी से लेकर, निर्माण व पद स्वीकृत कराने में जिला स्वास्थ्य विभाग का हमेशा सहयोग रहा।
– धनपत शास्त्री


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