आज जब,हर क्षेत्र में कुछ न कुछ नए प्रयोग किए जा रहे हैं, तो फिर खेती में क्यों नहीं…उत्कृष्ट किसान सनत कुमार जंघेल ने केला,पपीता और टमाटर की फसल लगाकर सफलता की नई इबारत लिखी है

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कमलेश यादव : वैसे तो छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन कुछ उन्नतशील किसान खेती में नए प्रयोग कर अपनी मेहनत के दम पर अच्छी आमदनी कमा रहे हैं। आज हम बात करेंगे बेमेतरा जिला मुख्यालय से करीब 60 किमी दूर ग्राम सोनडोंगरी (धमधा) की। जहां उत्कृष्ट किसान सनत कुमार जंघेल ने बड़े क्षेत्र में केला, पपीता और टमाटर की फसल लगाकर सफलता की नई इबारत लिखी है. अब वह अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।

सत्यदर्शन लाइव से बात करते हुए किसान सनत कुमार जंघेल जी ने बताया कि पारंपरिक खेती जिसमें धान, सोयाबीन, चना, अरहर की अच्छी पैदावार तो होती है।इसके साथ ही कुछ अन्य लाभ की खेती के बारे में सोचा जिसमें 15 एकड़ में टमाटर, 10 एकड़ में पपीता और 11 एकड़ में केला की खेती की।और सफल हुए।

आजकल किसान पारंपरिक खेती से हटकर खेती की तकनीकों में नवीनता लाकर कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसी दिशा में छत्तीसगढ़ के किसान सनत कुमार जंघेल ऐसे किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनकर उभरे हैं।

कुछ कर गुजरने की चाह मन में हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। यह बात सनत जंघेल ने साबित कर के दिखाई है।अपने क्षेत्र में किसानों को लाभ की खेती में प्रोत्साहित करने,और आर्थिक स्थिति को संबल देने में आज सनत कुमार जंघेल की अहम भूमिका है।

आज जब, हर क्षेत्र में कुछ न कुछ नए प्रयोग किए जा रहे हैं, तो फिर खेती में क्यों नहीं?  ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर किसान नई फसलों के साथ प्रयोग करने से डरते हैं। उनका डर थोड़ा लाजमी भी है। अगर महीने भर की मेहनत के बाद, उगाई फसल की सही कीमत किसान को न मिले, तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

टर्निंग पॉइंट्स
वह बताते हैं कि पहले गांव में पानी की काफी समस्या हुआ करती थी. जाहिर है कि पानी के कारण फसल भी कम होती थी. मेरे जीवन में दो ऐसी घटनाएँ घटी हैं जिनसे मेरी दशा और दिशा दोनों बदल गईं। वर्ष 2011 में गुरुजी संत रामपाल महाराज जी का सानिध्य प्राप्त हुआ। आश्चर्य यह था कि गुरुजी की आध्यात्मिक ऊर्जा और आशीर्वाद के कारण अब वहाँ प्रचुर पानी का स्रोत है।दूसरी घटना मेरी सेहत को लेकर थी जिसमें डॉक्टरों ने कहा कि मेरी हालत गंभीर है लेकिन भगवान के आशीर्वाद से सब ठीक हो गया.

ग्रामीण परिवेश में जन्म लेने के चलते सनत कुमार जंघेल को बचपन से ही प्रकृति से गहरा लगाव रहा।उन्हें खेती और उससे जुड़ी जानकारी हासिल करने में गहरी रुचि रही हैं।अब लक्ष्य है कि युवा लाभ की खेती की ओर देखें, क्योंकि आत्मनिर्भर बनकर ही बदलाव लाया जा सकता है। सत्यदर्शन लाइव उत्कृष्ट किसान सनत जंघेल के अभिनव प्रयोग की सराहना करता है।

 

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