शख्सियत…लक्ष्य,दर्पण की तरह बिल्कुल साफ देश की सेवा में खुद को समर्पित कर देना…प्रातः 4 बजे, जब बहुत से लोग गहरी नींद में सोये होते,वह युवक घंटों खेल-कूद और व्यायाम का अभ्यास करता…पढ़िए पुलिस निरीक्षक कुमार गौरव साहू की प्रेणादायक कहानी

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कमलेश यादव :सामाजिक व्यवस्था को अनुशासित एवं भयमुक्त रखने की मुख्य जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों पर है।हम सभी की सुरक्षा और न्याय की रक्षा करते हुए वे हर दिन अनगिनत चुनौतियों का सामना करते हैं।आज हम बात करेंगे कुमार गौरव साहू के बारे में,जिन्होंने बचपन से ही देश सेवा का सपना देखा था।उन्होंने न सिर्फ अपने सपनों को पूरा किया बल्कि सामाजिक क्षेत्र में भी सराहनीय काम कर लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं।आज वह छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में  “पुलिस निरीक्षक” के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

तय किया लक्ष्य
प्रातः 4 बजे, जब बहुत से लोग गहरी नींद में सोये होते, वह युवक घंटों खेल-कूद और व्यायाम का अभ्यास करता।लक्ष्य,दर्पण की तरह बिल्कुल साफ देश की सेवा में खुद को समर्पित कर देना है।  छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले से कुछ ही दूरी पर मुड़पार सुरगी वह स्थान है जहां कुमार गौरव का जन्म हुआ था।उनका कहना है कि गांव की मिट्टी में एक अजीब आकर्षण है;वह जब भी वहां जाते हैं तो सबसे पहले इसी धरती को सिर झुकाते हैं।

बचपन से सपना
सत्यदर्शन लाइव से बातचीत के दौरान कुमार गौरव साहू ने बताया कि उनके पिता स्वर्गीय डॉ. धनेश साहू आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी थे।अनुशासन उन्होंने बचपन से ही घर से सीखा है।बड़े भाई गोविंद साहू (साव) छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संगीतकार हैं।जाहिर सी बात है जहाँ संगीत वहां सकारत्मकता का एक अलग ही प्रभाव रहता हैं।वहीं मैंने अपने छात्र जीवन के दौरान कई रचनात्मक गतिविधियों में भाग लिया।मेरी शुरू से ही सेना या पुलिस बल में शामिल होने की इच्छा थी। उसके लिए मैंने पूरी ताकत से उस दिशा में प्रयास किया.. और मैं सफल हो गया.  मैंने बीए एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की है।सच कहूं तो आज भी मैं हर किसी से कुछ न कुछ अच्छी बातें सीखता हूं।’

सेवा की भावना
छत्तीसगढ़ के विभिन्न पुलिस थानों में पदस्थ रहते हुए मैंने कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा समाज की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का हर संभव प्रयास किया।सामुदायिक पुलिसिंग हो या अपराध की रोकथाम, हमने टीम वर्क से सफलता हासिल की है।  मेरे सभी साथी पुलिसकर्मियों ने भी पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है।छत्तीसगढ़ पुलिस न्याय प्रवर्तन की भावना और सामाजिक न्याय की सच्ची प्रतिष्ठा को बढ़ावा देती है।

मेरा मानना ​​है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है,यही कारण है कि आज भी मैं घंटों वर्कआउट करता हूं। मैं युवाओं से कहना चाहूंगा कि स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम करें ताकि वे हर क्षेत्र में अपनी क्षमता दिखा सकें।  ..कुमार गौरव साहू

सामाजिक सेवा
जब हमने समाज सेवा से जुड़ी बातों के बारे में पूछा तो कुमार गौरव साहू ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद करने के बाद मैं भूल जाता हूं.क्योकि एक तरह से यह अंहकार की भाव पैदा करता हैं।ईश्वर ने तो हमें केवल माध्यम बनाया है।सब कुछ वही करता है. हम चाहे किसी भी पद पर हों या बिजनेस में सफल हों लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात एक अच्छा इंसान बने रहना है और वह भी बिना किसी स्वार्थ के।  मैं मदद करके अखबारों की सुर्खियों में नहीं रहना चाहता.  जरूरतमंदों की चुपचाप सेवा करने से आत्मा को संतुष्टि मिलती है।वास्तव में यह एक निजी विषय होना चाहिए।

प्रेरक शक्ति
मेरा परिवार मेरी ताकत और प्रेरणा है.मेरे माता-पिता ने मुझे जन्म दिया और आपके सामने दो बातें कहने के काबिल बनाया. मैंने अपने बड़े भाई गोविंद साहू (साव) से भी बहुत कुछ सीखा है। परिवार का हर सदस्य मुझसे हमेशा प्यार करता है।यहां तक ​​कि जो लोग मेरी आलोचना करते हैं वे भी मुझे किसी न किसी तरह से प्रेरित करते हैं। मनुष्य गलतियों का पुतला है और जो लोग काम करते हैं वे ही गलतियाँ करते हैं।और एक सच्चा आलोचक हमें यह याद दिलाकर प्रेरित करता है।

लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगे बढ़ने से व्यक्ति पूर्णता की ओर बढ़ता है।असली काबिलियत को दुनिया जरूर याद रखती है.कुमार गौरव साहू ने पुलिस निरीक्षक की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है.वह हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। सत्यदर्शन लाइव सामाजिक परिवर्तन लाने वाले वास्तविक नायकों के काम को नमन करते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हैं।

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