कमलेश यादव : सदियों पुराना ज्योतिष विज्ञान कई मायनों में आज के विज्ञान से भी आगे है।ज्योतिष और कुछ नहीं बल्कि वैदिक युग का एक उन्नत विज्ञान है।आज हम आपको छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिला मुख्यालय से करीब 8 किमी दूर एक छोटे से गांव अचानकपुर ले जा रहे हैं, जहां पंडित लेखन दास वैष्णव रहते हैं।बचपन से ही वह हमेशा तारों ग्रहों और ब्रह्मांड के रहस्यों से आकर्षित थे।उन्होनें आकाश की ओर देखते हुए आकाशीय पिंडो में छिपे संदेशों को समझने की कोशिश में अनगिनत रातें बिताईं।पंडित लेखन दास अपनी ज्योतिष ज्ञान के माध्यम से हजारो लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव ला चुके है।
सत्यदर्शन लाइव से बातचीत करते हुए पंडित लेखन दास जी ने बताया कि ज्योतिष विज्ञान के क्षेत्र में अपार संभावनायें हैं और इस विधा से रोगों का उपचार,प्रारम्भिक चेतावनी,पृथ्वी पर होने वाली सम सामयिक घटनाओं की सटीक जानकारी संभव है।महाराज जी द्वारा अब तक 3000 से अधिक जन्म कुण्डलियाँ बनाई जा चुकी हैं।प्रतिदिन सकारात्मक ऊर्जा से लोगों के जीवन मे परिवर्तन के साक्षी बने है।
बहुत ही आसान सी बात है,प्रकृति कैसे झूठ बोल सकती है। सूर्य,चंद्रमा,तारे और ग्रह जिनकी वजह से आज हम हैं,वो गलत कैसे हो सकते हैं? वैज्ञानिकों को भी कई अनुसंधान करने के बाद परिणाम मिलता है, वैसे ही ज्योतिष शास्त्र भी है…पंडित लेखन महाराज
अंधविश्वास उचित नहीं होता। भले ही वह किसी ज्योतिषी पर हो, किसी चिकित्सक पर हो, किसी दुकानदार पर हो या स्वयं की क्षमता पर हो,लेकिन आपको ये बता दें कि इनसे जुड़े ज्ञान-विज्ञान अंधविश्वास नहीं हैं और पूर्ण विज्ञान हैं।
श्रीमद्भागवत गीता
ज्योतिष शास्त्र के अलावा पंडित लेखन महाराज द्वारा देश के विभिन्न स्थानों पर भगवत गीता का पाठ किया गया है।जिससे लाखों श्रोताओं में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने कहा है कि भगवत गीता के पाठ से व्यक्ति को कर्म के बारे में सीख मिलती है.इतना ही नहीं हमारे हर प्रश्न का उत्तर गीता में समाहित है.आप जितनी बार इसका पाठ करेंगे, आपको कुछ नया सीखने को मिलेगा.
श्रीमद्भागवत गीता हिंदू धर्म का एक पवित्र ग्रंथ है. गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जो सभी महत्वपूर्ण है. महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे, वही गीता है. गीता में आत्मा, परमात्मा, भक्ति, कर्म, जीवन आदि का वृहद रूप से वर्णन किया गया है.
पंडित लेखन महाराज कहते है कि श्रीराम कथा भारतीय जनमानस के रोम रोम में बसने वाली भगवान श्रीराम के चरित्रों की गाथा है। भगवान राम भारतीय जन मानस के आदर्श हैं,आराध्य और पूजनीय हैं।उन्होंने विभिन्न मंचो पर राम कथा का वर्णन किया है।
पंडित लेखन महाराज की जिंदगी से हमे यह सीख मिलती है की आपके पास यदि ज्ञान है शक्ति है उसे समाज हित मे समर्पित करे।अनगिनत जिंदगियों में सकारात्मक बदलाव और जीवन जीने की कला सिखाने वाले महाराज जी हमेशा प्रेरणास्रोत रहेंगे।