कई बार दरवाजा, कुर्सी या किसी इंसान को छूने पर एकदम से स्पार्क की आवाज आती है और करंट का झटका सा महसूस होता है. इसके बाद उस चीज को छूने में भी डर सा लगता है. सर्दियों में तो अक्सर ये लोगों के साथ होता है. आपके साथ भी कभी न कभी ऐसा जरूर हुआ होगा? लेकिन क्या कभी ये सोचा है कि आखिर ऐसा होता किस वजह से है? इसके पीछे वैज्ञानिक कारण छिपा हुआ है. आइए आपको बताते हैं इस बारे में.
ब्रह्मांड में मौजूद सभी वस्तुएं एटम्स यानी अणु से बनी हुई है और हर एटम में इलेक्ट्रॉन, प्रोटोन और न्यूट्रॉन होते हैं. इन सबके पास अपना-अपना चार्ज होता है. प्रोटोन, न्यूक्लियस में होता है जो की एटम के केंद्र में स्थित है. इलेक्ट्रॉन न्यूक्लियस के आस-पास चक्कर मारता है. इलेक्ट्रॉन्स, निगेटिवली चार्ज, प्रोटॉन्स पॉजिटिवली चार्ज और न्यूट्रॉन्स न्यूट्रल होते हैं. यह तीनों मुख्य भूमिका निभाते है चार्ज को फ्लो करवाने में. एक एटम स्टेबल तब होता है जब इलेक्ट्रॉन और प्रोटोन हमेशा एक ही संख्या में हो. मगर जब इनकी संख्या कम या ज्यादा हो जाती है तो एटम स्टेबल नहीं रह पता है.
अब देखते हैं कि कुर्सी से कैसे करंट लगता है
जब हम प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठकर ज्यादा हिलते हैं और पैर जमीन को ना छू रहे हो तो प्लास्टिक की कुर्सी हमारे कपड़ों से अलग होने वाले इलेक्ट्रॉन को जमा करने लगती है. इससे पॉजिटिव चार्ज जमा होने लगता है. जब तक आप कुर्सी पर बैठे रहते है ये चार्ज आपके साथ रहता है परन्तु जैसे ही आप कुर्सी से उठते है ये सारा चार्ज कुर्सी के पास चला जाता है और जब आप कुर्सी को छूते है या फिर बैठते है तो हल्का सा करंट लगता है.
ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि जब किसी व्यक्ति या वस्तु में इलेक्ट्रॉन की संख्या बढ़ जाती है तो नेगेटिव चार्ज भी बढ़ जाता है. फिर ये इलेक्ट्रॉन किसी पॉजिटिव इलेक्ट्रॉन्स जो अन्य वस्तु या व्यक्ति में होंगे की और बढ़ने लगते हैं और इसी कारण करंट या बिजली का झटका महसूस होता है. यानी इन इलेक्ट्रॉनों की त्वरित गति का ही तो नतीजा है हल्का सा करंट लगना.
सर्दियों के मौसम में करंट महसूस ज्यादा होता है. सर्दियों में इलेक्ट्रिक चार्ज सबसे अधिक होता है क्योंकि हमारे आसपास का वातावरण सूखा होता है. वायु शुष्क होती है और इलेक्ट्रॉन आसानी से हमारी त्वचा की सतह पर विकसित हो जाते है. गर्मियों के दिनों में, हवा में नमी होती है जिसके कारण नेगेटिवली चार्ज इलेक्ट्रॉन समाप्त हो जाते हैं और इसलिए हमें करंट महसूस नहीं हो पता हैं.
तो अब आप समझ गए होंगे की करंट का झटका लगना एटम में मौजूद इलेक्ट्रान और प्रोटोन के कारण होता है. जब एटम स्टेबल नहीं होता है तो इलेक्ट्रान का आदान-प्रदान होता है जिससे चार्ज बदल जाता है और हल्का सा करंट महसूस होता है.