रायपुर:मजदूर दिवस के दिन पूरे छत्तीसगढ़ में मजदूरों के सम्मान के लिए बासी उत्सव मनाया गया वही दूसरी ओर सात समंदर पार नाचा के सदस्यों ने एक साथ मिलकर बासी का आनंद लिया।
नाचा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ विरासत और संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। एसोसिएशन की कार्यकारी नेतृत्व टीम शशि साहू, दीपाली सरावगी, मीनल मिश्रा, मोनिका तिवारी, गणेश कर, तिजेंद्र साहू, दिलीप तिवारी, वंदना दडसेना, निर्मल साहू, कृष्णा मिश्रा,शत्रुघ्न बरेठ ने अमेरिका और अन्य देशों में बोराबासी दिवस मनाने के लिए बोरे बासी का आनंद लिया।अमेरिका में पैदा हुए छत्तीसगढ़ के एनआरआई बच्चों ने भी भाग लिया और बोरेबासी दिवस का हिस्सा बनकर गर्व महसूस किया, और छत्तीसगढ़ी आहार और संस्कृति को सीखा।
कार्यकारी अध्यक्ष गणेश कर ने कहा कि पूरी दुनिया मे श्रम शक्ति की इकाई मजदूर है।सही मायने में हमारे समाज की नींव की ईंट मजदूर ही है।बोरे बासी गर्मी के दिनों में खाने से आत्मा को तृप्त मिलता है।इससे शरीर मे ठंडक का अहसास होने के साथ ऊर्जा का संचार होता है।बासी के साथ मे गोंदली(प्याज) खाना किसी छप्पन भोग से कम नही है।बासी हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति का अभिन्न अंग है।