देश में ये पहला इतना बड़ा बर्ड हाउस,जिसमें एक साथ 10 हजार से ज्यादा पक्षी अपने परिवार के साथ रह सकेंगे…पक्षी हमसे मदद नहीं मांग सकते हैं,हमें खुद ही आगे बढ़कर उनकी मदद करनी चाहिए…अगर हर गांव-शहर में ऐसी सुविधा हो जाए तो विलुप्त रहे कई पक्षियों को आसानी से बचाया जा सकता है

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इंसानों के पास सर्दी, गर्मी या बारिश की मार से बचने के लिए घर और उसमें तमाम तरह की सुविधाएं होती हैं। बात पक्षियों की करें तो उनके लिए पेड़ और उन पर बने घोंसले उन्हें सुरक्षित रखते हैं। जिस तरह लगातार पेड़ों की कटाई और कंस्ट्रक्शन का काम बढ़ रहा है, ऐसे में पक्षियों को रहने का कोई ठिकाना नहीं होता। परिंदों की तकलीफ देख गुजरात के भगवानजी भाई रूपापारा ने विकल्प के तौर पर अपने गांव में 2500 मिट्टी के मटकों से बर्ड हाउस, यानी पक्षियों का घर बनाया है। अब लोग दूर-दूर से इसे देखने इनके गांव आ रहे हैं।

जहां एक तरफ लोग अपने घरों या बालकनी में पक्षियों का आना पसंद नहीं करते, वहीं भगवानजी भाई जैसे लोग भी हैं, जिन्हें परिंदों से इतना प्रेम है कि खुद का 20 लाख रुपए खर्च कर उनके लिए घर तैयार किया है। इस घर में पक्षियों को ज्यादा सर्दी और ज्यादा गर्मी का अहसास नहीं होगा, बरसात में भी ये परिंदे नहीं भीगेंगे। दिखने में ये बर्ड हाउस शिवलिंग के आकार का है। जिसे बहुत ही बेहतर तकनीक से तैयार किया गया है। ये बिजली या चक्रवात में भी पक्षियों को सुरक्षित रखने में कारगर होगा।

भगवानजी भाई हर दिन पक्षियों को करीब 50-60 किलो दाना खिलाते हैं।
75 साल के भगवानजी भाई का पूरा नाम भगवानजी भाई मोहन भाई रूपापारा है। वो गुजरात के राजकोट के नवी सांकली गांव के रहने वाले हैं। भगवानजी भाई पेशे से किसान हैं और 100 एकड़ की खेती का काम संभालते हैं। उनके दो बेटे हैं जो एग्रो कंपनी चलाते हैं। भगवानजी भाई का शुरू से ही पशु-पक्षियों की मदद करने में इंटरेस्ट रहा है।

वो बताते हैं,“मेरे पूरे परिवार का जानवरों के प्रति बहुत प्रेम है। हम अपने गांव में हर दिन करीब 50-60 किलो दाना पक्षियों को खिलाते हैं। एक दिन की बात है जब गांव में तेज बारिश हो रही थी। मैंने देखा कि जो पक्षी कुएं के अंदर बिल में रहते थे, वो पानी भरने के कारण बाहर आ गए थे और बारिश में भीग रहे थे। उन्हें देखकर मुझे बहुत दुःख हुआ कि हम इंसान इतने आराम से अपने घर में किसी भी मौसम में रहते हैं, लेकिन पक्षियों के साथ ऐसा नहीं है। फिर मैंने तय किया कि मैं उनकी मदद के लिए कुछ करूंगा।”

भगवानजी भाई ने सोचा कि क्यों न इनके लिए बर्ड हाउस बनाया जाए और इस बात को अपने परिवार के साथ भी साझा किया। परिवार में सभी को ये बात पसंद आई। इतना ही नहीं, उनके बच्चे इसके लिए खर्च करने को भी तैयार हो गए।

2500 छोटे-बड़े मिट्टी के मटकों से बना ये घर 140 फीट लंबा, 70 फीट चौड़ा और 40 फीट ऊंचा है ।
पक्षियों का घर बनवाने के लिए भगवानजी भाई ने गांव से ग्राम पंचायत से जमीन मांगी। इस घर की नींव पिछले साल 2021 में रखी गई थी और पूरे एक साल लग गए इसे तैयार होने में। पक्षियों के लिए भगवानजी भाई का प्यार ही था कि उन्होंने खर्च की परवाह किए बिना इतना विशाल, सुविधायुक्त और मजबूत घर बनवाया है। हम सभी घर बनाने के लिए अक्सर आर्किटेक्ट से लेकर इंटीरियर डिजाइनर की मदद लेते हैं, लेकिन चौथी पास भगवानजी भाई ने खुद की सूझबूझ पक्षियों लिए ये आलीशान घर बनाया ।

भगवानजी भाई बताते हैं, “पक्षियों का ये घर 140 फीट लंबा, 70 फीट चौड़ा और 40 फीट ऊंचा है। इसमें तकरीबन 2500 छोटे-बड़े मिट्टी के मटकों को इस तरह फिट किया गया है कि हर तरह के पक्षी इसमें अपना घर बना सकें। इसे बनाने के लिए मैंने खुद के 20 लाख रुपये खर्च किए। ईश्वर की कृपा से मैं आर्थिक रूप से सक्षम हूं तो मुझे किसी की मदद लेने की जरूरत नहीं पड़ी। तो मैंने सोचा अगर मेरी एक छोटी सी पहल से बेजुबानों को मदद मिल सकती है तो मुझे ये काम करना चाहिए। मुझे खुशी है कि मैं ये कर पाया। पक्षी हमसे मदद नहीं मांग सकते हैं, हमें खुद ही आगे बढ़कर उनकी मदद करनी चाहिए।”

शिवलिंग के आकार का पक्षियों का आशियाना
भगवानजी भाई पक्षी प्रेमी होने के साथ भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त हैं। यही कारण है कि उन्होंने पक्षियों के आशियाने को शिवलिंग के आकार का बनाया है। इसे उन्होंने खुद ही डिजाइन किया है। इसमें दो तरह के छोटे और बड़े मटकों का इस्तेमाल किया गया है, जो स्पेशल ऑर्डर पर बनाए गए हैं।

भगवानजी भाई कहते हैं, “पक्षियों के घर में 2500 मटके लगाए गए हैं। ये मटके अपने आप में खास हैं। इन्हें इस तरह बनाया गया है कि ये ठंड में ज्यादा ठंडे नहीं होंगे, न ही गर्मी में ज्यादा गर्म। हर मटके की कीमत करीब 150 रुपए है।

मटकों को इस तरह फिट किया गया है कि ये आसानी से टूटेंगे भी नहीं। इन्हें जमीन से 11 फीट ऊंचाई पर गैल्वनाइज्ड बोर पाइप और स्टील के तारों में लटकाया गया है। घर में लगने वाले पाइप और तारों में 50 साल तक जंग नहीं लगेगी और ये इतना मजबूत है कि आसानी से टूटेगा भी नहीं। खास बात ये है कि मानसून के दौरान अगर बिजली गिरी तो इससे पक्षियों को परेशानी नहीं होगी। हमने इसके लिए जमीन में अर्थिंग की व्यवस्था की है।”

भगवानजी भाई ने पक्षियों की हर छोटी बड़ी जरूरतों और तकलीफों को ध्यान में रखते हुए इस घर को बनाने की कोशिश की है। देश में ये पहला इतना बड़ा इंसानों के द्वारा बनाया गया बर्ड हाउस होगा, जिसमें एक साथ 10 हजार से ज्यादा पक्षी अपने परिवार के साथ आराम से रह सकेंगे।

भगवानजी भाई ने पक्षियों का घर ऐसे बनाया मानों उन्हें खुद ही रहना हो। पक्षियों के घर के अंदर खाने-पीने के अलावा मंदिर भी बनाया है। इस शिवरात्रि वहां भगवान शिव की स्थापना की जाएगी। ये मंदिर पक्षियों के लिए ही बनाया गया है। पक्षियों को सुरक्षित रखने के लिए इस घर के चारों तरफ नेट की फेंसिंग की गई है।

भगवान भाई बताते हैं, “सिर्फ घर बनाना ही काफी नहीं, बल्कि पक्षियों की सुरक्षा भी जरूरी है। कोई और जानवर इनके घर के अंदर न आ जाए, इसके लिए हमने चारो तरफ से नेट से फेंसिंग की है। पानी के लिए सीमेंट के गड्ढे भी बनाए गए हैं। यहां हर रोज हम पक्षियों को 50 किलो दाना खिलाते हैं। जब तक जरूरत न हो, किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं है।”

फिलहाल इस बर्ड हाउस में तोता, कबूतर, मैना और गौरैया सहित कई पक्षी रहते हैं। जिस तरह से भगवानजी भाई ने पक्षियों की सुविधाओं का ख्याल रखा है उससे देखते हुए इस बर्ड हाउस को पक्षियों का 5 स्टार होटल कहना गलत नहीं होगा। अगर हर गांव-शहर में ऐसी सुविधा हो जाए तो विलुप्त रहे कई पक्षियों को आसानी से बचाया जा सकता है।

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