है कठिन रास्ता,मगर कठिनाई में भी राह है…छत्तीसगढ़ की पहली ऐसी फैक्ट्री,जिसका जिम्मा नक्सल पीड़ित परिवारों और सरेंडर नक्सलियों के हाथों में होगा

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गोपी:कई दशकों से छत्तीसगढ़ के लोग नक्सली गतिविधियों से जूझ रहे है।किसी ने सच ही कहा है समय में बहुत बड़ी ताकत होती है।घनघोर अंधेरा क्यो न हो उजाले को आने से रोक नही सकती।दंतेश्वरी माई की नगरी दंतेवाड़ा जहा दंतेवाड़ा पुलिस ने जून 2020 को लोन वर्राटू अभियान शुरू किया था। इसके बाद 445 से ज्यादा नक्सली सरेंडर कर चुके हैं।उन्हें रोजगार से जोड़ा जा रहा है।इसी कड़ी में सरेंडर कर चुके नक्सली अब नक्सल पीड़ित परिवारों के साथ मिलकर डैनेक्स टेक्सटाइल प्रिंटिंग फैक्ट्री चलाएंगे।यहां ये सब मिलकर ब्रांडेड कपड़ा कंपनियों के लिए कपड़ों पर प्रिंटिंग का काम करेंगे।यहां से प्रिंट हुए कपड़े और सिलाई के बाद विभिन्न माध्यमों से देशभर के बाजार में भेजे जाएंगे।

दंतेवाड़ा के कलेक्टर दीपक सोनी ने मीडिया को बताया कि शहीद महेंद्र कर्मा कॉलोनी में डैनेक्स टेक्सटाइल प्रिंटिंग की पहली फैक्ट्री खुलेगी । यहां नक्सल पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ सरेंडर नक्सलियों को भी आवासीय व्यवस्था के साथ रोजगार मिलेगा । डैनेक्स की यह चौथी फैक्ट्री होगी । 3 फैक्ट्रियों में कपड़ों की सिलाई का काम हो रहा है।कारली में मशीनें लगवाने का काम एक – दो दिनों में शुरू हो जाएगा। एक नवंबर से ट्रेनिंग के साथ रोजगार देने की शुरुआत हो जाएगी।यहां 20 शॉपिंग कॉम्पलेक्स के साथ टेक्सटाइल प्रिंटिंग फैक्ट्री भी होगी । जिससे ये सभी बेहतर आजीविका और बेहतर जीवन की ओर अग्रसर हो सकें । मालूम हो कि दंतेवाड़ा को गारमेंट का हब बनाने युद्ध स्तर पर काम चल रहा है । गारमेंट की 3 फैक्ट्री खुलकर यहां 800 से ज्यादा महिलाओं को रोजगार मिल गया है

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