कमलेश यादव:किसी भी समुदाय, समाज और संस्कृति की समृद्धि का पैमाना उसकी भाषा होती है। भाषा लुप्त होने पर न केवल संस्कृति विलुप्त होती है, अपितु साहित्य और इतिहास भी अतीत के गर्त में खो जाते हैं।NACHA (उत्तरी अमेरिका छत्तीसगढ़ / NRI एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़) ने छत्तीशकोश नाम से विशेष प्रोजेक्ट की स्थापना की है जिसका मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में जोड़ने के साथ ही अंतराष्ट्रीय राष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद करना है।इसी कड़ी में आज विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया, वीडियो लिंक से इस प्रोजेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लिया जा सकता है।
NACHA के अध्यक्ष”श्री गणेश कर ने यह कहा कि आज तकनीक बहुत तेजी से मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और बहुत कुछ के माध्यम से आगे बढ़ रही है, सीधे संचार कौशल में सुधार कर रही है उदाहरण: स्पीच टू टेक्स्ट ’जहां सिस्टम एक भाषा को किसी भी अन्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भाषाओं में परिवर्तित कर सकता है। उन्होंने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा ऐसी प्रौद्योगिकी का लाभ उठा सकती है, जैसा कि कई अन्य भाषाओं में पहले से ही उल्लेख किया गया है। इस संबंध में, टीम सहयोग के लिए कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की पहल से छत्तीसगढ़ी भाषा को अन्य क्षेत्रीय या देश की भाषा के समान दर्जा प्राप्त करने में मदद मिलेगी।”