चन्द्रप्रकाश:जिंदगी में जब आप एक अच्छे मुक़ाम पर पहुँचने में कामयाबी हासिल कर लेते हो और आर्थिक रूप से सम्पन्न हो जाते तो आपकी जिम्मेदारी बनती है कि समाज में वंचित वर्गों के उत्थान के लिए अपना योगदान दें। लेकिन बहुत कम ही ऐसे शख़्स होते जो कामयाबी हासिल करने के बाद पीछे छूट चुके लोगों की ओर देखते। हमारी आज की कहानी की नायिका ने न सिर्फ एक शानदार उपलब्धि हासिल की, बल्कि अपनी नौकरी करते हुए गरीबी और अभावों से वंचित बच्चों के मदद के लिए एक अनोखे पहल की शुरुआत की है।
“तमिलनाडु में इरोड के नर्सिंग कॉलेज की लेक्चरर मनीषा कृष्णासामी समाज के लिए कुछ अच्छा करने की दिशा में हमेशा प्रयासरत हैं। वे अब तक फुटपाथ पर रहने वाले 340 मानसिक रोगियों, ड्रग एडिक्ट्स और बेसहाराओं की मदद कर चुकी हैं। उनका जन्म एक लोअर मिडिल क्लास फैमिली में हुआ। 24 वर्षीय मनीषा आर्मी जॉइन करने या डॉक्टर बनने का सपना देखती थीं लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उनका ये सपना पूरा नहीं हो सका। मनीषा ने बचपन के दिनों से अपने माता-पिता को रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करते हुए देखा है। इसलिए वे हमेशा कुछ ऐसा काम करना चाहती थीं जिससे दूसरों की मदद हो सके। अपने इसी ख्याल के चलते उन्होंने नर्सिंग में बीएससी की डिग्री ली।
अपना कोर्स कंप्लीट करने के बाद मनीषा ने नंदा कॉलेज ऑफ नर्सिंग में लेक्चरर के तौर पर काम करना शुरू किया। अपनी कमाई के पैसों से वह दिन में एक बार जरूरतमंदों को खाना खिलाने लगी लेकिन फिर भी उनका मकसद पूरा नहीं हुआ। वे चाहती थी कि इन लोगों को तीन टाइम खाना और रहने को घर भी मिले। लेकिन ये काम आसान नहीं था। तब उन्होंने एक एनजीओ के साथ काम करना शुरू किया। 2018 में मनीषा ने अपने एनजीओ की शुरु की जिसे जीविथम फाउंडेशन नाम दिया। इसके माध्यम से वे जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध कराती हैं, उनके खाने का प्रबंध करती हैं। साथ ही उनके लिए हर्बल चाय, फिजिकल एक्सरसाइज और वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोग्राम का इंतजाम भी किया जाता है।”