नेत्रा कुमानन टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला नौका चालक के तौर पर टिकट पाने वाली पहली महिला हैं। अपनी अथक मेहनत और लगन के बलबूते अब वो ओलंपिक की रेस में शामिल हैं। 23 साल की नेत्रा ने सेलिंग एसोसिएशन की ओर से आयोजित ग्रीष्म कालीन नौकायन में भाग लिया था। लेकिन इस प्रतियोगिता के बाद नौकायन उनके जीवन का हिस्सा बन गया।
नेत्रा इंजीनियरिंग की छात्रा हैं। दो बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीत चुकीं नेत्रा ने पिछले साल विश्व कप में कांस्य पदक जीतकर अपनी पहचान बनाई थी। नौकायन से पहले नेत्रा टेनिस, बास्केटबॉल, साइकिलिंग में भी हाथ आजमा चुकी हैं। ओलंपिक के लिए कड़ी मेहनत कर रहीं नेत्रा का इस काम में मां ने पूरी तरह साथ दिया। नेत्रा के पिता पेशे से एक आईटी कंपनी संचालित करते हैं। नेत्रा ने ओमान में एशियाई क्वालिफायर की लेजर रेडियल स्पर्धा में पहला स्थान पाकर ओलंपिक का टिकट हासिल किया है।
भरतनाट्यम का भी प्रशिक्षण ले चुकीं नेत्रा इस समय हंगरी के कोच टमस एरजेस की देख रेख में अभ्यास कर रही हैं। इसके साथ ही वो प्रतियोगिता के दौरान होने वाले तनाव से दूर रहने का भी अभ्यास कर रही हैं। पिछले साल लॉकडाउन के समय में स्पेन में फंसी रह गईं नेत्रा ने वहां पर अंतरराष्ट्रीय तैराकों के साथ समय बिताकर इसका सदुपयोग किया।