कमलेश यादव:-खुद पर हो विश्वास और मन में हो संकल्प फिर कितनी भी आ जायें बाधाएँ,रास्ता मिल ही जाता है। यह कथन अपने आप में काफी कुछ बयां कर जाता है। यह सच है कि खुद पर विश्वास करने वाले व्यक्ति ही अपनी जिंदगी में सफल हो पाते हैं।आज की कहानी एक ऐसी ही लड़की पल्लवी शोरी की है जिसे यूनेस्को ने देश के सर्वश्रेष्ठ 100 युवा लेखकों में शामिल किया है।
धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के अंबागढ़ चौकी की विकासखण्ड के ग्राम अरचकुंड की छात्रा कुमारी पल्लवी शोरी को संयुक्त राष्ट्र संघ के सामाजिक-सांस्कृृतिक संस्था यूनेस्को द्वारा पूरे देश के सौ सर्वश्रेष्ठ लेखकों में शामिल किया गया है। यूनेस्को ने कुमारी पल्लवी को विभिन्न समाचार पत्रों, पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विषयों पर निरंतर सारगर्भित, ज्ञानवर्द्धक एवं रचनात्मक लेखन के कारण यह उपलब्धि दी है। पल्लवी प्रारंभ से ही सृजनात्मक गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं। देश-विदेश के अनेक पत्र-पत्रिकाओं में उनके कई लेख प्रकाशित हो चुके हैं। कुमारी पल्लवी शोरी के पिता श्री तिलक शोरी राज्य वित्त सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं। वर्तमान में वे संचालनालय कोष, लेखा एवं पेंशन में वित्त नियंत्रक के पद पर पदस्थ हैं। पल्लवी की इस उपलब्धि पर प्रशंसकों में हर्ष व्याप्त है तथा उ्रनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।