गांव के दिनों को खास बनाया दूरदर्शन ने……विश्व दूरदर्शन दिवस के अवसर पर जाने बीते दिनों की यादे…. World Television Day

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नई दिल्ली:- पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत की सम्पूर्ण युद्ध की गाथा धृतराष्ट्र को सुनाने वाला संजय था।वो संजय जिसे दिव्य दृष्टि प्राप्त था ।
आजादी के बाद करोड़ो लोगो को सूचनाओं और जानकारी के भंडार से जोड़ने वाला टेलीविजन…
हर साल 21 नवंबर को विश्व दूरदर्शन दिवस अथवा वर्ल्ड टेलिविजन डे (World Television Day) मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ का इस दिन को घोषित करने के पीछे उद्देश्य वैश्विक सहयोग को बढ़ाने में टेलीविजन के योगदान को सराहना था।

यूँ तो भारत में टेलीविजन प्रसारण की शुरुआत दिल्ली से 15 सितंबर, 1959 को हुई थी पर क्या आप जानते हैं कि 2018 के आंकड़ों के मुताबिक आज देश की 82% आबादी टेलीविजन देखती है और इसमें से 57% लोग एक साथ बैठकर टीवी देखते हैं। इतना ही नहीं, 52% लोग एंटरटेनमेंट चैनल, 22% लोग मूवी और केवल 8% लोग ही न्‍यूज चैनल देखते हैं।

सूत्रों की माने तो केबल और सैटेलाइट टेलीविजन पर फिल्मों द्वारा होने वाले रेवेन्यू 2024 के अंत तक 22 बिलियन रुपये से अधिक होने का अनुमान है।

छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में भी मनोरंजन और जानकारी के क्षेत्र में क्रांति आया…पहले का रविवार जहा पूरा गांव की आबादी टेलीविजन के सामने बैठे रहती थी…महाभारत,श्री कृष्णा, जैसे ज्ञानवर्धक सीरियलों ने लोगो को अपने तरफ आकर्षित किया था।बीते दिनों का रविवार सचमुच बहुत खास हुआ करता था।

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